छत्तीसगढ़ उजाला…
बिलासपुर। कबीरधाम जिले के शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान देने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस प्रकरण की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी व जनपद सीईओ को याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया है।
कबीरधाम जिले में पदस्थ शिक्षक राजकुमार कुर्रे, रामविलास पोर्ते, राजेन्द्र कुमार दिवाकर व ज्योतिष कुमार दिवाकर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1988 से शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उन्हें काम करते 22 साल से भी अधिक समय हो गया है। शासन के प्रविधान के अनुसार एक ही पद पर 10 साल से अधिक तक काम करने पर पदोन्नति व क्रमोन्नति दी जानी है। इसके साथ ही उच्चतर वेतनमान देने का भी प्रविधान है। लेकिन याचिकाकर्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। याचिका में बताया गया कि शिक्षा विभाग में संविलियन करने से पूर्व उन्होंने पंचायत विभाग के तहत सेवा दी है, जिसकी गणना नहीं की जा रही है। जबकि उनकी प्रथम नियुक्ति के आधार पर सेवा की गणना करते हुए क्रमोन्नत वेतनमान का निर्धारण किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ताओं को उच्च वेतनमान के लाभ से वंचित रखा गया है। पूर्व में इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन सहित सभी पक्षकारों से जवाब मांगा था। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच जिला शिक्षा अधिकारी व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को याचिकाकर्ताओं के क्रमोननति संबंधी वेतनमान के अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया है।