छत्तीसगढ़ उजाला…
बिलासपुर। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी दैनिक वेतन भोगी को नियमित नहीं किया गया। इस मामले में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जल संसाधन विभाग के सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
राजनांदगांव जिले के छुईखदान निवासी शिवरतन कुमार जल संसाधन विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। उनकी नियुक्ति वर्ष 1988 के पूर्व हुई थी। शासन के प्रविधान के अनुसार 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने पर दैनिक वेतनभोगी को नियमित किया जाना है। इस संबंध में शिवरतन ने कई बार विभागीय अफसरों के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस पर उन्होंने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया गया कि विभाग में उनके साथ कार्य करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है। लेकिन याचिकाकर्ता को नियमित नहीं किया जा रहा है। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकलपीठ ने शासन को कोरोना काल में छह माह के अधिकतम समय देकर उनके अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया था।
लेकिन तय समय बीत जाने के बाद भी उनके अभ्यावेदन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं होने पर उन्होंने जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत व कार्यपालन अभियंता जी रामटेके को पक्षकार बनाते हुए न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया था। लेकिन इसके बाद भी अब तक मामले का निराकरण नहीं किया गया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दोनों पक्षकारों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।