पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा शनिवार को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। मिली जानकारी के मुताबिक बीते कई सालों में भाजपा में दरकिनार किए जा चुके यशवंत सिंह लगातार भाजपा के खिलाफ ही बयानबाजी कर रहे थे। अटेलबिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में यशवंत सिन्हा ने कई अहम मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पटरी नहीं बैठ पाने के कारण लगातार पार्टी में दरकिनार रहे।प्रजातंत्र की ताकत प्रजातंत्र की संस्थाएं होती हैं। आज लगभग हर संस्था कमजोर हो गई है, उसमें देश की न्यायपालिका भी शामिल है। हमारे देश के लिए ये सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है: यशवंत सिन्हा।टीएमसी को विशेष फायदा नहींराजनीतिक जानकारों के मुताबिक यशवंत सिन्हा के टीएमसी में शामिल होने के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। यशवंत सिन्हा के टीएमसी में जाने से कोई ज्यादा नफा नुकसान नहीं है। ये सभी जानते हैं कि यशवंत सिन्हा लगातार भाजपा के विरोध में बोलते रहे हैं। पश्चिम बंगाल चुनाव की बात की जाए तो टीएमसी को फिलहाल भूमिपुत्रों की जरूरत है। ऐसे में टीएमसी को यशवंत सिन्हा में जाने के कोई विशेष फायदा नहीं मिलेगा।प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं यशवंत सिन्हागौरतलब है कि यशवंत सिन्हा प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं। 1984 में उन्होंने प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया था और जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। भाजपा में भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का उन्होंने निर्वहन किया था। 1988 में राज्यसभा का सदस्य भी चुना गया था।