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एनडीए सरकार ऐसे किसी देश से शांतिवार्ता के पक्ष में नहीं है जो हमारे देश के सैनिकों की हत्या में शामिल हो- अमित शाह

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नई दिल्ली । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि हम ऐसे देश से किसी तरह की शांतिवार्ता के पक्ष में नहीं है, जो हमारे सैनिकों की हत्या करता है। तेलंगाना के शमशाबाद में मंगवार को एक चुनावी रैली के दौरान अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर हमारी सरकार का रुख एकदम स्पष्ट है। हमने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों पर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और इस साल एयर स्ट्राइक कर अपना रुख पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ऐसे किसी देश से शांतिवार्ता के पक्ष में नहीं है जो हमारे देश के सैनिकों की हत्या में शामिल हो। अमित शाह ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन ने सीआरपीएफ के 40 जवानों पर आत्मघाती हमला कर उन्हें शहीद कर दिया। इसके बाद हर कोई भौचक्का था कि अब क्या किया जा सकता है। लोग एक और सर्जिकल स्ट्राइक का अंदाजा लगा रहे थे। पाकिस्तान ने तो अपनी सीमाओं पर डर की वह से टैंक तैनात कर दिए थे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अलग तरह से जवाब देने का फैसला लिया। इस बार बालाकोट पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों पर भारतीय वायुसेना ने बेहतरीन रणनीति के साथ एयर स्ट्राइक कर मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के बाद पूरे देश में जश्न मनाया गया। इस घटना को लेकर केवल दो जगहों पर शोक का माहौल था, पहला पाकिस्तान और दूसरा राहुल गांधी खेमे में। रैली में अमित शाह ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैम पित्रोदा द्वारा पुलवामा हमले पर हाल में दिए गए विवादित बयान पर को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, राहुल गांधी के गुरू सैम पित्रोदा पूछ रहे हैं कि हमने एक छोटी सी घटना के लिए एयर स्ट्राइक क्यों की, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि ये कोई छोटी घटना नहीं है। आप आतंकवादियों संग इलू-इलू कर सकते हैं, लेकिन मोदी सरकार हमारे जवानों की हत्या करने वाले दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने पर भरोसा रखती है। हम ऐसे देश संग किसी तररह की शांतिवार्ता में शामिल नहीं हो सकते। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तेलंगाना की के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, केसीआर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार असुद्दीन ओवैसी से डर कर अब ज्यादा दिनों तक 17 सितंबर को लिब्रेशन डे नहीं मनाएगी। केसीआर को सरकार बनाए हुए दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और वह अब तक अपने कैबिनेट का गठन तक नहीं कर सके हैं। आप ऐसे व्यक्ति और राजनीतिक दल से क्या उम्मीद रखते हैं केसीआर का हाल भी कांग्रेस पार्टी की तरह ही है। यूपीए सरकार ने तेलंगाना को केवल 16500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने तेलंगाना के विकास के लिए 245847 करोड़ रुपये का पैकेज दिया। अमित शाह ने कहा कि राज्य के लोगों ने विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के लिए केसीआर को वोट दिया था, लेकिन वह प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं हैं। हम जनता के निर्णय का सम्मान करते हैंए लेकिन मैं आप लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या केसीआर इस देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं, आने वाला चुनाव देश का अगला प्रधानमंत्री चुनने वाला है। ये समय है एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चुनने का। मालूम हो कि तेलंगाना की सभी 17 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होना है। मंगलवार शाम पांच बजे से पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार थम चुका है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन राजनीतिक दलों ने पहले चरण की सीटों पर मतदाताओं को रिझाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।