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*आवाज़ उठाने वालों पे झूठी FIR से सरकारी भ्रष्टाचार को छुपा नही पाएगी भुपेश सरकार : विक्रान्त तिवारी, देश के इतिहास में पहला मामला अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति पर ही पुलिस ने कर दिया एससीएसटी का मामला दर्ज*

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छत्तीसगढ़ उजाला (प्रतीक सोनी)

छत्तीसगढ़ में विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास, लोकतंत्र की हत्या पे तुली सरकार।

सड़क निर्माण में 1करोड़ 19 लाख भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले तेरह जोगी कांग्रेसियों पर हुआ एफ आई आर।

बिलासपुर,(25/08/21), जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) नेताओं द्वारा कवर्धा जिला के अंतर्गत सड़क निर्माण में एक करोड़ उन्नीस लाख रुपया के भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने वाले तेरह जोगी कांग्रेसियों पर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम एवं अन्य धाराओं में झूठा अपराध दर्ज किया गया है ।जिसे पार्टी ने भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा खुद एफआईआर से बचने और अपनी साख बचाने के लिए जोगी कांग्रेसियों के विरुद्ध फर्जी मामला बनाया जाना बताया है। जनता कांग्रेस ने स्पष्ठ शब्दों में इस झूठी रिपोर्ट का भंडाफोड़ करते हुए कहा कि इसके झूठे होने का सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि प्रदर्शन में शामिल जोगी कांग्रेस के नेता गणेश पात्रे जो कि खुद अनुसूचित जाति वर्ग के है। उनके विरुद्ध भी पुलिस के द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर की गई है जो कि संभवत देश का पहला मामला होगा। जिसमें जिस वर्ग के सुरक्षा के लिए कानून बनाया गया है उसी वर्ग के व्यक्ति के विरुद्ध यह मामला बना दिया गया और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम का खुलेआम दुरुपयोग किया गया। इसी कड़ी में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के बिलासपुर जिले के नेताओं द्वारा महामहिम राज्यपाल के नाम कलेक्टर बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा गया।

बिलासपुर जिलाध्यक्ष विक्रान्त तिवारी ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हुए कहा कि ये दुर्भावनापूर्वक कार्यवाही है जिससे सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है ये लोकतंत्र की हत्या बताते है। सरकार को क्या लगता है कि जनता की लड़ाई लड़ने वाले जोगी काँग्रेस के नेताओं को झूठे मामले में फसा के सरकार अपने भ्रष्टाचार को छुपा पाएगी। हम ये लड़ाई सड़क से न्यायलय तक लड़ेंगे।


जनता कांग्रेस ने ज्ञापन सौंप कर महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया कि इस प्रकार के झूठे मामले को तत्काल शून्य किया जाए ताकि लोकतंत्र पे लोगों का विश्वास कायम रह सके और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का खुलेआम दुरुपयोग होने से रोका जा सके।