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काल से वो डरे जो काम करे चांडाल का,और उसका कोई क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का :- संत रामबालक दास जी

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छत्तीसगढ़ की पारंपरिक डोल संगीत के साथ दैवीय वेषभूषा में सजे युवाओं के कांवड़ियों के शिव गीतों में झूमते लोगो को देखना काफी आनंददायक था

वनवासी क्षेत्रो से निकल रहे इस विशाल शिव कांवड़ यात्रा का सभी धर्म,सम्प्रदाय जे लोगो ने जोरदार स्वागत किया कही रामायण गान हुआ तो कही आरती उतारी गई तो कही फूलों की वर्षा से कांवड़ियों का स्वागत अद्भुत था

सर्व समाज दल्ली राजहरा ने जंहा कुम्हली में जलपान की व्यवस्था की वही प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर ने कांवड़ियों को बिस्किट के पैकेट दिए वही आदिवासी भाइयों ने चाय व पेयजल की व्यवस्था की तो कोडेकसा में पाटेश्वर सेवा संस्थान ने पुलाव खिलाया वही देर शाम मन्दिर में भोजन की व्यवस्था की गई |

राजनांदगांव जिला के नवीन जिला मोहला मानपुर के ढोकला ( गोटाटोला) के झरने से पवित्र जल लेकर बालोद जिला के प्रसिद्ध देव स्थल जामड़ी पाटेश्वर धाम में कल हजारों शिव भक्तों व 600 कांवड़ियों की विशाल कांवड़ यात्रा ने दो जिलों की वन्य सीमा क्षेत्रो के ग्रामों में शिवभक्ति का एक भव्य व ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा का दर्शन वनवासी भाइयों व बहनों को करा दिया     पाटेश्वर सेवा संस्थान के संत रामबालकदास जी महात्यागी के नेतृत्व में प्रथम वर्ष आयोजित इस विशाल कांवड़ यात्रा ने मानो वन्यभूमि को देवधर का रूप दे दिया हो चारो ओर फैली हरियाली व शिव भक्ति में सराबोर चाहे बुजुर्ग हो युवा हो माता हो या बहन सभी एक स्वर में वनांचल की भूमि को हर हर महादेव के जयकारे से गुंजायमान कर रहे थे।    30 किलोमीटर की यह कही सरल कही कठिन सड़को से चलते कांवड़ियों के जोश व शिव भक्ति व पाटेश्वर धाम के प्रति अटूट श्रद्धा के दैवीय ताकत के साथ यह कांवड़ यात्रा पूरी तरह से सफलता के साथ संपन्न हुआ  संत रामबालकदास जी के अगुवाई में ढोकला से गोटाटोला,कुम्हली,झिकाटोला,कोडेकसा,जुंगेरा, केरीजुंगेरा व भंडारीटोला व अंतिम पड़ाव जामड़ी पाटेश्वर धाम में विराजित महाकाल शिव प्रभु रुद्रेश्वर महादेव को देर शाम जल चढ़ाने व 500 दीपो की भव्य आरती के साथ समापन हुआ