छत्तीसगढ़ उजाला
वर्धा, 18 अगस्त 2021 : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में आयोजित अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के 65 वें तरंगाधारित पांच दिवसीय (17 से 21 अगस्त) अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में मंगलवार को परिषद के महामंत्री प्रो. जे. एस. दुबे ने अखिल भारतीय दर्शन-परिषद् के वर्ष 2020 के पुरस्कारों की घोषणा की। इन पुरस्कारों में श्री प्रकाश दुबे राष्ट्रीय दर्शन पुरस्कार दर्शन शास्त्र विषय में दीर्घकालीन सेवा के लिए प्रो. श्यामकिशोर सेठ, प्रयागराज को दिया गया। श्रीमती चंपादेवी मुल्तानमल तातेड़ आजीवन परिलब्धि पुरस्कार प्रो. गीता मेहता, मुंबई को दिया गया। महामहोपाध्याय आचार्य पं. रामप्रसाद त्रिपाठी स्मृति पुरस्कार पं. वशिष्ठ त्रिपाठी, वाराणसी को दिया गया। परिषद के द्वारा पुस्तकों पर दिए जाने वाले पुरस्कारों की भी घोषणा इस अवसर पर की गई। स्वामी प्रणवानंद दर्शन पुरस्कार प्रो. महेश सिंह, आरा को उनकी पुस्तक ‘योग के आयाम’ के लिए दिया गया। श्री खचेडू सिंह नागर स्मृति पुरस्कार डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय, एम.एम.कॉलेज, वाराणसी को उनकी पुस्तक ‘अस्तित्ववादी मूल्य मीमांसा’ के लिए दिया गया। डॉ. शकुंतला सिन्हा दर्शन पुरस्कार डॉ. गौरीनाथ राय, पटना को उनकी पुस्तक ‘वराहपुराण में वर्णित भारतीय संस्कृति’ के लिए दिया गया। वैद्य श्री गणपतराम जानी (पो. लपुखाला, गुजरात) पुरस्कार डॉ. तेजराम पाल को उनकी पुस्तक ‘गांधी-दर्शन समदर्शी नीति शास्त्र के आधार’ के लिए प्रदान किया गया। प्रो. सोहनराज तातेड़ (जोधपुर, राजस्थान) दर्शन पुरस्कार प्रो. प्रदीप प्रसाद, हजारीबाग को उनकी पुस्तक ‘समकालीन उपयोगितावाद की समीक्षा’ को दिया गया। इस अवसर पर स्वामी दयानंद निबंध पुरस्कार जुली सिंह, रोहतास को उनके आलेख ‘महामारी के दौर में वेद संम्मत आचरण और व्यवहार’ के लिए दिया गया। श्रीमती कमला देवी जैन स्मृति पुरस्कार परिषद के 2019 में भोपाल में आयोजित अधिवेशन में डॉ. रंजना शर्मा, रायपुर द्वारा प्रस्तुत उनके आलेख ‘ज्ञान एक चिंतन’ को दिया गया।