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कोल इंडिया चेयरमेन के आने से पहले कुसमुंडा कोयला खदान में ग्रामीणों ने बंद काम कराया, मजदूरी बढ़ाने और नौकरी की कर रहे हैं मांग,एसईसीएल सीएमडी की असफल व्यवस्था फिर हुई उजागर:

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कोरबा छत्तीसगढ़ उजाला। एसईसीएल की कुसमुंडा कोल परियोजना में एक बार फिर से मजदूरों की समस्या सामने आई है।एसईसीएल के खदान में विरोध करने की बातें अब आम हो चुकी है।कभी भुविस्थापितो की समस्या तो कभी मजदूरों की समस्या का आना कही न कही प्रबंधन की लचर व्यवस्था को उजागर करता है। कुसमुंडा में लोगों ने खदान के भीतर घुसकर निजी कंपनी एनआईएसपीएल का काम बंद करा दिया है। ग्रामीण इस कंपनी पर कम मजदूरी देने के आरोप लगाते हुए बचे हुए विस्थापितों को नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी मजदूरों को कम दर पर वेतन का भुगतान कर रही है। इतना ही नहीं SECL में भू-विस्थापितों की नौकरी का मामला अभी भी अटका हुआ है। इन्हीं मांगो को लेकर खदान के भीतर प्रदर्शन किया जा रहा है। जिससे खदान में वाहनों की लंबी कतार लग गई है। इस प्रदर्शन से एसईसीएल की कुसमुंडा कोल परियोजना में अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है और सभी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाईश देने में जुट गए हैं।

एसईसीएल के सीएमडी वातानुकूलित कक्ष में चर्चा करते हुए अकसर नजर आते है।मजदूर त्रस्त और साहब ………..

एसईसीएल कुसमुंडा खदान में मजदूरों ने काम किया बंद छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में नारायणी कंपनी द्वारा मजदूरों को निर्धारित वेतन नहीं देने का कार्य किया जा रहा है जिसको लेकर मजदूरों ने आज कुसमुंडा खदान में काम को बंद करा दिया है इस मामले के साथ साथ विस्थापितों के लंबित मामले भी सामने आ रहे हैं।

अभी कुछ दिन पहले ही भू विस्थापितों ने खदान में काम बंद कर आया था विस्थापित अपनी नौकरी की मांग को लेकर काफी समय से आक्रोशित होकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं कहीं ना कहीं एसईसीएल प्रबंधन की घोर लापरवाही से यह मामला आज तक सुलझ नहीं पा रहा है एसईसीएल के बड़े अफसर केवल अपने ऐसी चेंबर में बैठ कर अपनी कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करते रहे हैं।देश के कोयला मंत्री को इस मामले पर एसईसीएल के सीएमडी के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता है।खदान के बन्द होने से एसईसीएल को कितना बड़ा नुकसान पहुच रहा होगा।

कही न कही एसईसीएल के सीएमडी श्रीमान पंडा समुचित प्रबंधन कर पाने में पूरी तरह से असफल साबित हो रहे है। ऐसे अफसर की वजह से भारत सरकार को कही न कही बड़ा आर्थिक नुकसान भी पहुँच रहा है।इस मामले पर कोल इंडिया के चैयरमेन क्या फैसला करेंगे यह देखना बाकी है।सूत्रों के अनुसार कल कोल इंडिया के चैयरमेन का बिलासपुर प्रवास हो रहा है।चैयरमेन अग्रवाल माइंस क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे।एसईसीएल प्रबंधन अब चैयरमेन को क्या कहानी बताता है यह तो उस पर ही तय हो पायेगा।

इस मामले पर जब एसईसीएल के पीआरओ सनीश चंद्रा से छत्तीसगढ़ उजाला ने बात की तो उनका क्या कहना था वो भी आप लोगो को जानना बहुत जरूरी है।उनका कहना था कि आप बेवजह एसईसीएल प्रबंधन व मुझे टारगेट करते हो।कुसमुंडा खदान पर मजदूरों ने काम बंद कर दिया इस सवाल का जवाब वो देने के बजाय कुछ भी बाते कर रहे थे।पीआरओ चंद्रा का कहना था कि हमने नारायणी कंपनी को काम दिया है,मजदूरो की समस्या उस कंपनी की है।हमारा उससे कोई भी लेना देना नही है।भुविस्थापितो का कोई मामला नही है।हमने जब पूछा कि जब खदान में काम बंद हो गया है तो इससे एसईसीएल को कितना नुकसान हुआ होगा,

आपके यहाँ बार बार ऐसी समस्या क्यो आ रही है?इसका जवाब उन्होंने नही दिया।इस घटना पर उनका कहना था कि हमारा इसमे कोई भी लेना देना नही है।यह तो निजी कंपनी नारायणी का मामला है।इसमे कितना नुकसान हुआ है इसका हिसाब अभी नही लगाया गया है।आप मेरे से अपने शब्द बोलवाने का प्रयास कर रहे है।आपको जो भी समाचार लगाना है वो आप लगा सकते है।मैं पीएचडी होल्डर हु।एसईसीएल में बहुत सी कम्पनी काम करती है।आप उस कम्पनी से बात कीजिये।हमारा इस मामले में कोई भी सरोकार नही है।