चंडीगढ़। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारतीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर पद्मश्री मिल्खा सिंह का सपना पूरा किया है। नीरज चोपड़ा में प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में 87.58 मीटर थ्रो कर प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया है। नीरज से एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में अभी तक कोई भी एथलीट मेडल नहीं जीत पाए थे। यह कमी हर भारतीय को खलती थी, लेकिन नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल जीतकर करोड़ों भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
नीरज के इस गोल्ड ने यकीनन उड़न सिख पदमश्री स्वर्गीय मिल्खा सिंह का भी सपना किया है। इससे पहले नीरज चोपड़ा ने अपने क्वालीफाइंग राउंड में 86.65 मीटर थ्रो कर प्रतियोगिता के क्वालीफाइंग में राउंड में पहला स्थान हासिल किया था। नीरज चोपड़ा ने पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में एथलेटिक्स कोच नीरज अहमद से छह साल तक कोचिंग ली है। ऐसे अपने ट्रेनी के गोल्ड मेडल जीतने पर कोच नसीम अहमद खासे खुश हैं। उन्होंने खासतौर पर पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में नीरज के फाइलन मुकाबले को देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई थी। जहां उनके अन्य ट्रेनी, कोचों व स्टाफ ने सामूहिक रूप से मैच देखकर इस ऐतिहासिक पल को अपनी आंखों में संजोया। हालांकि नीरज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दोहरा सके। बता दें इसी वर्ष मार्च के महीने में नीरज चोपड़ा ने पटियाला में आय़ोजित इंडियन ग्रां प्री थ्री में 88.7 मीटर थ्री को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया था।
चंडीगढ़ आकर ही नीरज का जैवलिन से ऐसे जुड़ा था रिश्ता
पानीपत जिले के खंडरा गांव के निवासी नीरज चोपड़ा चंडीगढ़ में डीएवी कॉलेज के छात्र रहे हैं, उन्होंने साल 2011 में कॉलेज ज्वाइन किया था। इसी साल उन्होंने ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी का रिकार्ड तोड़ दिया है। नीरज के पिता किसान हैं, पढ़ाई में बेहतर भविष्य बने इसके लिए उनके पिता ने उन्हें चाचा के साथ चंडीगढ़ भेज दिया। पंचकूला में एथलेटिक्स नर्सरी ताऊ देवीलाल स्टेडियम के एथलेटिक्स कोच नसीन अहमद ने बताया कि नीरज के चाचा साल 2011 में उनके पास नीरज को लेकर आए और यह कहा कि यह मेरा भतीजा है जो खा-खाकर मोटा हो रहा है आप इसे भी दौड़ाया करो। मैंने कहा आप स्टेडियम में भेज दिया करें, जिसके बाद नीरज रोज आने लगा। पानीपत का एक और लड़का पैरा एथलीट नरेंद्र था,जोकि मेरे पास हॉस्टल में रहता था। नरेंद्र और नीरज की दोस्ती हो इसके बाद वह भी हॉस्टल में रहने आ गया और साल 2016 तक यह रहकर उनसे जैवलिन थ्रो के गुर सीखे।
वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे नंबर के खिलाड़ी हैं नीरज चोपड़ा
ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा डीएवी कॉलेज के छात्र रहे हैं, वह वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे नंबर के खिलाड़ी है। नीरज एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। साल 2016 में नीरज ने साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। नीरज से खेलप्रेमियों को ओलिंपिक में गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, जिसे नीरज ने पूरा किया।
नीरज के गोल्डन थ्रो पर झूम उठा पंचकूला
भाला फैंक प्रतियोगिता में देश को पहला गोल्ड मिलते ही पंचकूला के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पंचकूला सेक्टर 3 स्थित ताऊ देवी लाल खेल परिसर में बड़ी स्क्रीन लगाकर लाइव प्रसारण दिखाया जा रहा था। जैसे ही प्रतियोगिता शुरू हुई, तभी से खिलाड़ी एवं कोच ढोल की थाप पर जमकर जश्न मनाने लगे थे। जैसे ही गोल्डन थ्रो नीरज ने फेंका, लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नीरज के कोच नसीन अहमद भावुक हो गए। नसीन अहमद ने कहा कि नीरज ने आज मुझे सबसे बड़ी गुरुदक्षिणा दी है। नसीन अहमद ने कहा कि मुझे 101 प्रतिशत खुशी है और मुझे विश्वास था, लेकिन खेल में कुछ भी हो सकता है, आज पूरा देश नीरज पर गर्व कर रहा है। नसीन अहमद ने कहा कि यह केवल नीरज का मेडल नहीं है, देश का मेडल है। एथलेटिक परिवार बहुत खुश है।
नीरज चोपड़ा का प्रोफाइल –
नाम – नीरज चोपड़ा, जन्म – 24 दिसंबर 1997, इवेंट – जैवलिन थ्रो
नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां
- साल 2018 जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
- साल 2018 ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
- साल 2017 भुवनेश्वर में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
- साल 2016 गुवाहटी में आयोजित साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
- साल 2016 पौलैंड में आयोजित वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
- अवार्ड -साल 2018 में अर्जुन अवार्ड।