वर्धा, 30 जुलाई 2021 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (29 जुलाई) को ‘विद्या प्रवेश’, ‘निष्ठा 2.0’, सफल, एनडीएआर, ‘एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’ आदि कार्यक्रमों की शुरुआत की।
शिक्षा समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को आधार बनाकर अनेक बड़े फैसले लिए गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन आजादी के अमृत महोत्सव का एक अहम हिस्सा बन गया है। इतने बड़े महापर्व के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आज शुरू हुई योजनाएं नए भारत के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यक्रम में भारत का भाग्य बदलने का सामर्थ्य है।
उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा को सच्चे अर्थों में राष्ट्रीय होने के लिए राष्ट्रीय परिस्थितियों को प्रतिबिंबित होना चाहिए’ गांधी जी के इस दूरदर्शी विचार को पूरा करने के लिए स्थानीय भाषाओं में शिक्षा का विचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में रखा गया है और इस दिशा में 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में पढ़ाई से गरीब बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, उनकी प्रतिभा और सामर्थ्य के साथ न्याय होगा। उन्होंने युवाओं से आहवान किया कि युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे सोचना होगा। राष्ट्र का युवा सकारात्मक बदलाव की दिशा में पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने विश्वास जताया कि जैसे – जैसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अलग-अलग विशेषताएं हकीकत में बदलेंगी, हमारा देश एक नए युग का साक्षात्कार करेगा।
प्रारंभ में स्वागत भाषण केंद्रीय शिक्षामंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया। इस अवसर पर शिक्षा क्षेत्र में उपलब्धियों पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित कार्यक्रम के सजीव प्रसारण को देखने की व्यवस्था महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विद्या भवन स्थित कस्तूरबा सभागार में की गई थी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल एवं प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान, विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, अध्यापक एवं अधिकारी उपस्थित थे।