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नहर जमीन अधिग्रहण में फर्जीवाड़े के आरोप पर कलेक्टर ने भ्रष्ट राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू को किया निलंबित

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छत्तीसगढ़ उजाला (प्रतीक सोनी)

बिलासपुर। अरपा भैंसाझार परियोजना के वितरण नहर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में फर्जीवाड़ा के आरोप में कलेक्टर डा.सारांश मित्तर ने सकरी के तत्कालीन पटवारी व राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू को निलंबित कर दिया है। जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने आदेश जारी किया है। मुआवजा वितरण में तीन करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है।

अरपा भैंसाझार परियेजना के तहत बनाई जाने वाली शाखा नहर के लिए जमीन अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। जमीन के अधिग्रहण से लेकर मुआवजा वितरण में किस तरह फर्जीवाड़ा किया गया है जांच रिपोर्ट में सिलसिलेवार जानकारी दी गई है। समिति ने माना है कि दोनों ही प्रकरणों में संबंधित ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को अंजाम दिया है।

जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिन लोगों का नहर निर्माण के नाम पर जमीन का अधिग्रहण करना बताया गया है वे अब भी अपनी जमीन पर काबिज है। यही नहीं खेती भी कर रहे हैं। बीते वर्ष समर्थन मूल्य पर इन किसानों ने समितियों के माध्यम से धान भी बेचा है। सवाल यह भी उठाया गया है कि जब वितरण नहर के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है तब खेती की अनुमति किस आधार पर दी गई और अधिग्रहित जमीन का धान बेचने के लिए पंजीयन किस आधार पर किया गया।

फसल गिरदावरी के दौरान पटवारी से लेकर तहसीलदार तक इसकी निगरानी करते हैं। अंतिम स्वीकृति तहसीलदार द्वारा दी जाती है। इस तरह की गड़बड़ी किस आधार पर की गई,यह भी जांच का विषय है। सकरी वितरणनहर के एलाइनमेंट के अनुसार 1,980 मीटर लंबी और 44 मीटर चौड़ी नहर बनाई जा रही है। खसरा नंबर 19/4 में कुल रकबा 1.70 एकड़ जमीन है।

यह जमीन शारदा बाई पति पवन अग्रवाल के नाम पर राजस्व दस्तावेज में दर्ज है। खसरा नंबर 19/4 की 45 डिसमील जमीन ही दायरे में आ रही है। शारदा बाई को एक एकड़ 65 डिसमील जमीन अधिग्रहण के एवज में 88 लाख 76 हजार रुपए और दो करोड़ चार लाख 71 हजार 713 रुपए का भुगतान किया गया है।

वितरण नहर के दायरे में 47 किसानों की आ रही जमीन

वितरण नहर के दायरे में 47 किसानों की जमीन आ रही है। वर्ष 2019 में राज्य शासन ने अधिसूचना जारी की थी। मुआवजा वितरण के लिए राज्य सरकार ने 46 करोड़ रुपए जारी किया था। जांच समिति ने मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की पुष्टि कर दी है।