वर्धा, 28 जुलाई 2021: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय और भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के बीच अकादमिक गतिविधियों के आदान-प्रदान की दृष्टि से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। ऑनलाइन माध्यम से बुधवार (28 जुलाई) को आयोजित बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान और भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के अध्यक्ष सी.एस. नागेंद्र डी. राव ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ने विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के अंतर्गत दोनों संस्थाओं के बीच अकादमिक आदान-प्रदान के साथ प्रशिक्षण, अध्यापक, शोधार्थी तथा विद्यार्थियों पुस्तकालय एवं अन्य सुविधाओं के आदान-प्रदान करने का उल्लेख किया गया था।
इस प्रस्ताव को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने स्वीकृति प्रदान की। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान की ओर से विश्वविद्यालय में बी. कॉम. में सर्वाधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी को सुवर्ण पदक एवं मेरिट प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा तथा सर्वश्रेष्ठ तीन विद्यार्थियों को भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के पाठ्यक्रम में पंजीकरण शुल्क से छूट दी जाएगी। इसपर विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने संस्थान के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कंपनी सचिव (सी.एस.) पाठ्यक्रम को स्नातकोत्तर के समकक्ष मान्यता दी गयी है, ऐसे छात्र वाणिज्य एवं प्रबंधन पाठ्यक्रम में पी.एच-डी. में प्रवेश हेतु पात्र होंगे।
इस अवसर पर भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के अध्यक्ष नागेंद्र राव ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस समझौते के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को कंपनी सचिव के रूप में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। कार्यक्रम में प्रास्ताविक विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र बोरकर किया। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के उपाध्यक्ष देवेंद्र देशपांडे ने समझौता ज्ञापन के प्रस्ताव की रूपरेखा रखी। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के नागपुर चैप्टर की अध्यक्ष सुश्री खुशबू पासरी ने किया तथा धन्यवाद सचिव आशीष मोहन ने ज्ञापित किया।