रिपोर्ट:सिकंदर मिश्रा बालाघाट
वारासिवनी (मप्र)- नगर में बड़ते नशे के कारोबार को रोकने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है , ज्ञात हो की नशे का कारोबार बड़ी तेजी से पुरे जिले में पैर पसार रहा है, लेकिन पुलिस ने भी इस अपराध तंत्र को तोड़ने अपनी कमर कश ली है ऐसा इस कार्यवाही से अंदाजा लगाया जा सकता है, हालाकि लम्बे समय बाद वारासिवनी पुलिस के हत्थे नशे के कारोबारी चड़े है, जानकारिनुसार 2008 से 2010 के मध्य सबसे ज्यादा NDPS के मामले दर्ज हुए ,जानकार बताते है पेचीदगी भरी पुलिस कार्यवाही इसकी मुख्य वजह है , बहरहाल इस बड़ी कार्यवाही के चलते अवश्य ही इन नशे के कारोबारियो के हौसले पस्त होंगे ऐसा माना जा सकता है , वही थाना प्रभारी कैलाश सोलंकी ने बताया की पुलिस अधीक्षक के निर्देशोनुसार अवैध मादक पदार्थो की तस्करी रोकने की कार्यवाही अंतर्गत व् मुखबिर सूचना तंत्र को मजबूत करने से यह सफलता वारासिवनी पुलिस को मिली है ,जो सतत जारी रहेगी, पकडे गए तस्करों से पूछताछ की रही है, NDPS एक्ट 8/20 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है |
सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र से आई थी गांजे की खेप – पुलिस ने बताया की महाराष्ट्र से यह खेप मध्यप्रदेश, तुमसर होते हुए मोवाड़ के रास्ते वारासिवनी पहोचाई गयी थी , पुराने मामलो पर नजर डाले तो महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश के मोवाड़ होते हुए खैरलांजी –रामपायली थाना पार करते हुए वारासिवनी/बालाघाट की ओर ये तस्कर घुसते है पर पता नहीं क्यों इतने लम्बे अन्तराल में पुलिस का मुखबिर तंत्र सोया रहा, खैर देर आये दुरुस्त आये , आज पुलिस का मुखबिर तंत्र जागा और खेप पुलिस के हत्थे चढ़ गयी |
फ़िल्मी स्टाइल में धरे गए गांजा तस्कर – मुखबिर से जैसे ही पुलिस को यह सुचना प्राप्त हुई की गांजे की एक बड़ी खेप महाराष्ट्र से सीधे वारासिवनी पहोच रही है तो पुलिस इन तस्करों को पकड़ने योजना बनाई और कटंगी रोड पर स्थित टोंडीया नाले के पास जाल बिछाया , महाराष्ट्र से गांजा ला रहा तस्कर दिनेश , पिता- राजू राठौर 28 वर्ष निवासी वरठी जिला भंडारा महाराष्ट्र अपनी कार में नाले के पास पहोचा , इस गांजे की खेप का खरीददार सिद्धू पिता शिवराम नागरे उम्र 33 वर्ष निवासी परसवाडा जिला बालाघाट, कार के पहोचने के पहले ही वहा आ गया था जब कार वहा आकर रुकी तो दिनेश ने सिद्धू को गांजा दिखाया जिस प
र सिद्धू ने 3 किलो गांजा लेने की बात कही जिस पर`10 हजार नगद सिद्धू ने दिनेश को दिए और 3 किलो गांजा ले लिया , पुलिस साधे कपड़ो में यह सारा घटनाक्रम होते हुए देख रही थी, क्योकि की मुखबिर की सुचना की पुष्टि कर लेना पुलिस के लिए आवश्य था, जब यह साफ हो गया की दोनों तस्कर आपसी लेनदेन कर बस निकलने ही वाले है , पुलिस ने अपनी घेराबंदी कसनी प्रारंभ कर दी और दोनों तस्करों को दबोच लिया, थाना प्रभारी कैलाश सोलंकी ने बताया की दिनेश जो भंडारा का है और दिनेश परसवाडा का ,दोनों के लिए वारासिवनी सेंटर पाइंट था इसलिए इन्होने यह स्थान चुना |
काली फिल्म वाली स्विफ्ट कार में आई थी गांजे की खेप – महाराष्ट्र पासिंग की एक नारंगी कार पुलिस ने जप्त की है , जिसका क्रमांक MH-43-N-4049 है ,जो आरोपी से तो बारामत हुई लेकिन उसके नाम पर नहीं है , जानकार बताते है अक्सर नशे के कारोबारी ऐसे वाहनों का इस्तेमाल करते है जो उनके नाम दर्ज नहीं होती, खैर ये जाँच का विषय है पुलिस जांच कर भी रही , थाना प्रभारी कैलाश सोलंकी ने बताया की गांजा बेचने आया आरोपी अकेला ही आया था जिसने पालीथीन में भरकर , शीट के निचे छुपाकर यह खेप लायी थी, कार के शीशे काली फिल्म वाले थे ताकि वह पुलिस व् सजग लोगो की नजरो से बाख सके |
लम्बे अन्तराल के बाद वारासिवनी पुलिस को ऐसी बड़ी सफलता मिली है ,जिसमे बड़ी तादात में गांजा बारामत हुआ है, जानकार बताते है वारासिवनी तहसील अंतर्गत रामपायली, खैरलांजी ,डोंगरमाली गांजा तस्करी के गड़ रहे है , लेकिन पुलिस के सुस्त मुखबिर तंत्र की वजह से ये माफिया अपना अवैध व्यापार बखौफ करते आये है, ज्ञात हो की वर्तमान थाना प्रभारी कैलाश सोलंकी अपनी सेवाए मालवा के छेत्रो में दे चुके है , जहा मादक पदार्थो की तस्करी के मामले आम बात है नतीजतन इन तस्करों के लिए यह बात भारी पड़ गयी , पुलिस अधिक्षक के निर्देशन में थाना अध्यक्ष दवारा इन तस्करों को पकड़ने के लिए गठित टीम में उप निरिक्षक शशांक राणा , प्रधान आरक्षक विज्जू मेमन, आरक्षक सुनील ,वीरेंद्र रावतकर , गजेन्द्र पटले , रविन्द्र पटले व् सत्यभान की मुख्य भूमिका रही |