बिलासपुर। तिफरा स्थित हाईटेक बस स्टैंड को बिलासपुर नगर निगम को हस्तांतरित करने का फैसला किया गया है। फिलहाल इसका संचालक सीएसआइडीसी के माध्यम से किया जा रहा है। बस स्टैंड नगर निगम के अधीन होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि यात्री सुविधाओं का बेहतर विस्तार होगा। सफाई की समुचित व्यवस्था के साथ बस स्टैंड व्यवस्थित नजर आएगा।
हस्तांतरित करने का यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। करीब 10 एकड़ में बने इस हाईटेक बस स्टैंड का संचालन सीएसआइडीसी कर रहा था। सफाई से लेकर अन्य व्यवस्थाएं जिस तरह होनी चाहिए थी, उसका अभाव हमेशा नजर आता था। जगह-जगह नाली जाम, यात्रियों के बैठने के लिए तक पर्याप्त इंतजाम न होना। ये सभी कमियां कहीं न कहीं यात्रियों के लिए मुसीबत बनी हुई थी। सच तो यह है कि सीएसआइडीसी इसकी कमान संभालने के पक्ष में नहीं था।
इसके लिए पूर्व में कई बार आवेदन भी दिए गए। पर विभागीय अड़चनों के कारण इस पर फैसला ही नहीं हो पाता था। अब जाकर हस्तांतरित करने का फैसला लिया गया है। नगर निगम के अधीन आने के बाद हाईटेक बस स्टैंड पहले से बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है। पार्किंग से लेकर यात्रियों को गंदगी के बीच यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। आगामी दिनों में यहां नई दुकानें भी बनेंगी। अब जगह होते हुए भी सीएसआइडीसी राजस्व बढ़ा पाने में असफल था।
अतिक्रमण से मिलेगी आजादी
हाईटेक बस स्टैंड प्रवेश मार्ग से लेकर कई जगहों पर गुमटी व ठेलों वालों का कब्जा है। पर्याप्त स्टाफ व संसाधन के अभाव में चाहकर भी सीएसआइडीसी अतिक्रमकारियों को खदड़ने में नाकाम रहा है। हालांकि हो सकता है कि इन्हें हटाने के बाद नगर निगम व्यवस्थित दुकानें बनाकर आवंटित करें।
दुकान व बस पार्किंग का विवाद होगा दूर
हाईटेक बस स्टैंड बिल्डिंग में बड़ी संख्या में दुकानें हैं। इनमें से कुछ दुकानों पर बस संचालकों का कार्यालय है। नियमानुसार बस खड़ी करने के एवज में बस संचालकों को शुल्क देना है। पर पिछले कुछ सालों से शुल्क जमा नहीं किए हैं। दरअसल सीएसआइडीसी ने प्रति बस 100 रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। पर बस संचालक बड़ी बसों का 40 रुपये और छोटी बसों के एवज में 20 रुपये देने पर सहमत हुए थे। लेकिन, सीएसआइडीसी इस पर राजी नहीं हुआ। मामला न्यायालय पहुंच गया। उम्मीद है कि नगर निगम बस संचालकों के साथ चर्चा कर ठोस निर्णय लेकर विवाद खत्म कर सकता है।