बिलासपुर। रायपुर के प्रमिला गृह निर्माण सहकारी समिति की वीआइपी कालोनी के विकास नहीं करने को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त से जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि शपथ पत्र के साथ यह बताए कि कालोनी का विकास कैसे हो सकता है। रायपुर में प्रमिला गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा वीआइपी कालोनी विकसित की गई है।
इस कालोनी में मकान खरीदने के साथ ही प्लाट खरीद कर कई लोग मकान बनाकर रह रहे हैं। सभी निवासी कालोनी विकास समिति के साथ ही नगर निगम को संपत्ति सहित अन्य कर देते आ रहे हैं। इसके बाद भी कालोनी में कई तरह की समस्याएं हैं। साथ ही मूलभूत सुविधाओं व विकास की जरूरत है। कालोनी के लोग समिति के समक्ष अपनी समस्याएं गिनाते हैं, तब पूरी जवाबदारी नगर निगम पर डाल दिया जाता है।
वहीं निगम के अधिकारियों से शिकायत करने पर कहा जाता है कि कालोनी के विकास की जिम्मेदारी हाउसिंग सोसायटी की है। बार-बार शिकायत के बाद भी कालोनी का विकास कार्य नहीं कराने से परेशान होकर स्थानीय निवासी विकास गोयल ने अधिवक्ता प्रतीक शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के साथ ही नगर निगम के अधिनियमों का हवाला दिया गया है। साथ ही कहा है कि कालोनीवासियों को सुविधा मुहैया कराना उनका संवैधानिक अधिकार है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
इस प्रकरण की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा व जस्टिस रजनी दुबे की युगलपीठ में हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि कालोनी में कई प्लाट बंधक हैं, जिनका उपयोग नगर निगम द्वारा विकास कार्य के लिए किया जा सकता है। प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त से जवाब मांगा है। साथ ही पूछा है कि कालोनी में कितने प्लाट खाली है और कालोनी का विकास कैसे हो सकता है शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करें।