रायपुर । पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ऐलानिया झूठ बोला कि शराबबंदी के लिए हमने गंगा जल की कसम खाई ही नहीं थी, अब भूपेश-सरकार ने अपनी वादाखिलाफी का दोष सीधे जनता के सिर पर मढ़ दिया…
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी हो या न हो…ये फैसला भूपेश को करना है जनता को नहीं, क्योकिं जनता ने तो अपना फैसला 2018 के विधानसभा चुनाव में ही सुना दिया था..!
चुनाव के वक्त शराबबंदी के लिए हाथ मे गंगाजल लेकर कसम खाने वाली कांग्रेस ने अंततः अपनी कसम तोड़ दी…गंगाजल भी अपमानित हुआ, हिन्दू आस्था भी अपमानित हुई…
विधर्मियों से गंगाजल के मान की उम्मीद ही नहीं..!!
Team_HallaBol