बिलासपुर। कोविड को समाप्त करना है या इसके तीसरे चरण को रोकना है तो उसका एक ही तरीका है उसे फैलने से रोकना। यह कहना है डा. उज्जवला का। उन्होंने बताया कि वायरस बहुत डेलिकेट है। जब यह शरीर के बाहर होता है तो इसे शरीर के बाहर मारना बहुत आसान है। हम इसे साधरण साबुन, सोडा, सैनिटाइजर से नष्ट कर सकते हैं परंतु यदि यह एक बार शरीर में प्रवेश कर जाता है तो इसे नष्ट करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
यह वायरस बहुत सारे अंदरूनी अंगों को प्रभावित करता है। जब यह वायरस फेफड़ों को प्रभावित करता है तो फेफड़े खराब होने लगते हैं तथा शरीर की आक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। वहीं जब फेफड़े ज्यादा खराब हो जाते हैं, तब कृतिम श्वास लेने वाली मशीन वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ती है। कोरोना महामारी के बढ़ने का एक और कारण है डर।
हमें अपने अंदर के डर को नियंत्रित करने इन उपायों को अपनाना होगा। आज में जीएं और भविष्य की चिंता न करें। कुछ नया सीखने जैसे पेंटिंग, संगीत, खाना बनाना, रचनात्मक कार्यो में मन लगाना, सकारात्मक सोच रखना होगा। कोरोना का एकमात्र इलाज, उससे बचाव तथा जल्द से जल्द इसका पता लगाना है।
हमें समझना होगा कि अब यह वायरस देश, प्रदेश, शहर,मोहल्ले में तथा हमारे घरों में प्रवेश कर चुका है। इसलिय यदि कोई भी लक्षण लगे, सबसे पहले कोरोना की जांच करवाएं तथा जल्द से जल्द उपचार करवाएं। जितनी जल्दी हम इस बीमारी का इलाज शुरू करते हैं, उतना ही हम अपनी स्थिति खराब होने से पहले ठीक कर सकते हैं।
साथ ही हमें श्वास का व्यायाम तथा मेडिटेशन का उपयोग कर अपने मन को शांत रख सकते हैं। श्वसन, व्यायाम जैसे आलोम-विलोम, कपाल भारती की सहायता से शरीर को मजबूत किया जा सकता है एवं शरीर के आक्सीजन लेवल को बढाया जा सकता है।