नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड में कागजों में नाली निर्माण कर लाखों रुपयों का फर्जी आहरण करने के मामले को लेकर नगर पालिका उपाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा पार्षदों ने मोर्चा खोलते हुए,उक्त मामले की जांच को लेकर नगर पालिका के CMO मनीष वारे को ज्ञापन सौंपा है तथा भाजपा के पार्षदों ने इस मामले से जिले के कलेक्टर अजीत वसन्त को भी अवगत कराया गया है जिसपर कलेक्टर के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए जांच टीम का गठन करने की बात कही है,ज्ञात हो कि नगर पालिका क्षेत्र के शिवाजी वार्ड(वर्तमान में परमहंस वार्ड)में उस समय के तत्कालीन पार्षद के द्वारा वार्डवासियों की मांग पर होरी लाल शर्मा के घर से नवागढ़ मुख्य मार्ग तक नाली निर्माण के लिए 17 लाख की राशि शासन स्तर पर स्वीकृत कराया गया था जिसके बाद उक्त निर्माण को लेकर नगर पालिका में टेंडर निकाला गया जिसे सौफ़िया कंट्रक्शन के द्वारा निर्माण कराया जाना था,जानकारी के मुताबिक उक्त कार्य को ठेकेदार के द्वारा कभी शुरू ही नही किया लेकिन 18 फरवरी 2021 को उक्त कार्य को लेकर भुगतान करने 13 लाख रुपये का चेक जारी कर दिया गया,ठेकेदार को जो चेक जारी किया गया है।
उसमें नगर पालिका अध्यक्ष सन्तुलाल सोनकर एवँ उस समय के तत्कालीन प्रभारी CMO विकास पाटले के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी किया गया है,उक्त मामले के चार महीने बाद जब इस बात की जानकारी नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों को चली तो नगर पालिका में हड़कंप मच गया और इस मामले की जानकारी मांगी गई तो किसी के पास भी इसका जवाब नही था जिसके बाद नगर पालिका के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के नेतृत्व में भाजपा के पार्षदों द्वारा नगर पालिका के CMO मनीष वारे को ज्ञापन सौंपते हुए जांच टीम गठित करते हुए इस मामले में दो दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है साथ ही उक्त मामले की जानकारी जिले के कलेक्टर को भी दिया गया है।
लेखापाल ने पार्षदों को दी गलत जानकारी
इस मामले के सामने आने के बाद जब इस बारे में नगर पालिका के लेखापाल आनंद निषाद से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा गलत जानकारी देते हुए सोफिया कंस्ट्रक्शन को किये गए भुगतान में जो सूची जारी किया गया उसमें बाउंड्रीवॉल निर्माण शब्द लिखा गया है,इससे एक बात साफ जाहिर होती है कि इस भ्रष्टाचार के खेल में जनप्रतिनिधि, अधिकारी के साथ कार्यालय का लेखपाल के भी शामिल होने की संभावना है, आखिर लेखापाल ने किसके इशारे पर जारी किए गए सूची में नाली निर्माण की जगह बाउंड्रीवाल का जिक्र किया है, इस सवाल का जवाब होने वाले जांच में ही पता चल पाएगा
जिस पर कलेक्टर अजीत वसन्त के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को जांच के लिए तत्काल भेजता हूं बोले हैं और साथ ही यह भी बोले हैं कि जो जो सम्मिलित हैं सब के ऊपर कार्यवाही होगी,
वही इस मामले में नगर पालिका के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह ने कहाकि वार्ड में बिना नाली के काम कराए फर्जी तरीके से 13 लाख का भुगतान ठेकेदार को किया गया है,जो कि उचित नही है ठेकेदार को चेक के माध्यम से जो राशि का भुगतान किया गया है उसमें नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर एवँ उस समय के तत्कालीन प्रभारी CMO विकास पाटले के संयुक्त हस्ताक्षर से उक्त चेक को जारी किया गया है, हमारे द्वारा आज इस मामले को लेकर पार्षदों के साथ मिलकर नगर पालिका CMO को ज्ञापन सौंपा गया है तथा कलेक्टर को भी इस बारे में जानकारी देकर मामले की 2 दिन के भीतर टीम बनाकर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने तथा इस फर्जीवाड़े में जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग किये हैं
वही इस मामले को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने कहा है कि नगर पालिका में जो भी कार्य कराए जाते हैं उसकी समस्त जवाबदेही इंजीनियर की होती है, इस कार्य का भी भुगतान के पूर्व उक्त बिल में इंजीनियर,लेखपाल तथा नगर पालिका के CMO के हस्ताक्षर उपरांत मेरे पास आया और मेरे द्वारा इनके भरोशे में हस्ताक्षर किया गया है, उन्होंने आगे कहाकि मैं चूंकि आमजनता का सेवक हूँ और जनप्रतिनिधि होने के नाते हर कार्य का निरीक्षण कर पाना सम्भव नही हो पाता मेरे द्वारा कर्मचारी अधिकारी के भरोसे में कार्य किया गया है और अगर इनके द्वारा मेरे भरोशे को तोड़ा गया है और गुमराह कर जो कार्य कराए गए हैं, उनके खिलाफ मै अपने वकील के माध्यम से नोटिस भेज कर जवाब मांगा जाएगा तथा उचित जवाब प्रस्तुत नही करने पर मेरे द्वारा इस मामले में संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ FIR कराया जाएगा