वर्धा, 8 जून 2021: विश्वविद्यालय द्वारा गठित “कोविड टास्क फोर्स” द्वारा मनोवैज्ञानिक उपबोधन के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु विशेष व्याख्यानमाला के अंतर्गत “कोरोनाकालजनित उदासीनता,अनिश्चितता और तनाव” विषय पर विशिष्ट व्याख्यान को संबोधित करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के डी. ए. वी. पीजी कालेज के मनोविज्ञान विभाग
के विभागाध्यक्ष प्रो. सत्यगोपाल जी ने कहा कि कोरोना के संकट में
आंतरिक शक्ति को मजबूत कर स्वयं को सृजनात्मक कार्य में लगाने की आवश्यकता है.
विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन मंगलवार 8 जून 2021 को किया गया.
तरंगाधारित व्याख्यान में प्रो. सत्य गोपाल जी ने कोरोना काल में व्यक्ति के मन मस्तिष्क पर पडे प्रभाव पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि नकारात्मक वातावरण में हमें आत्मविश्वास पैदा कर धैर्य से इस बिमारी का सामना करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना को एक सामान्य बिमारी के रूप में देखना चाहिए और आंतरिक शक्ति को मजबूत कर स्वयं को सृजनात्मक कार्य में लगाना चाहिए. उन्होंने कोरोना संकट में सोशल मीडिया की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि इस काल में सोशल मीडिया ने समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है और व्यक्ति को संबल देते हुए मदद पहुचाने का काम भी किया है. उन्होंने कहा कि चिंता, अनिश्चितता और डर के इस माहौल में अंतर्मन को निखार कर आत्मबल को मजबूत करने की आवश्यकता है.
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि कोरोना के संकट में आनंद के साधनों को जानकर परस्पर व्यापक संवाद की आवश्यकता है. प्रो. शुक्ल ने कहा कि तनाव मनोदैहिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है, ऐसे में हमें आस्था को मजबूत करते हुए युवा और किशोर मानस में कोरोना के भय को दूर करने के रास्ते खोजने की जरूरत है. उन्होंने शिक्षक समुदाय से आहवान किया कि वे संवाद की संस्कृति को और विस्तार देकर अंधेरे के इस कालखंड को प्रकाश दिखाने का दायित्व निभाएं.
बीज वक्तव्य में शिक्षा व मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. गोपाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि मानसिक व्याधि से ग्रसित लोगों के साथ निरंतर संवाद की आवश्यकता है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए कहा कि इस काल में पांच करोड़ से अधिक जनसंख्या अवसाद में चली गई. असंगठित क्षेत्र के लोगों पर इसका बुरा असर पड़ा है.
स्वागत वक्तव्य प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट ने दिया. उन्होंने कोरोना संकट में विश्वविद्यालय की ओर से किये गए मदद कार्यों की जानकारी दी तथा टास्क फोर्स की आगामी गतिविधियों की जानकारी भी प्रदान की.
कार्यक्रम का सत्र-संचालन तथा संयोजन दर्शन एवं संस्कृति विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयंत उपाध्याय ने किया.
धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार ने प्रस्तुत किया. डॉ. वागीश राज शुक्ल ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया. विवि के कुलगीत से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. तरंगाधारित व्याख्यान में विश्वविद्यालय के अध्यापक, शोधार्थी तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए.