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संगठन विस्तार की हुई मशक्कत, समन्वय समिति में जुड़े लोगों को तवज्जो, जकांछ में 51 लोगों को किया शामिल

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बिलासपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बिलासपुर के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष विक्रांत तिवारी ने संगठन विस्तार के मद्देनजर जिला समन्वय समिति का गठन किया है।

समिति में 51 लोगों को शामिल किया है। संगठनात्मक गतिविधियों को संचालित करने के लिए समन्वय समिति ने संगठन से जुड़े व जानकार कार्यकर्ताओं को जगह दी गई है। आपसी समन्वय के साथ सदस्यता अभियान चलाएंगे।

जकांछ के सुप्रीमों अजीत जोगी के निधन के बाद उनकी बरसी तक पार्टी के दिग्गज रणनीतिकार से लेकर पदाधिकारियों ने पूरे एक वर्ष संगठनात्मक कामकाज से लेकर प्रदेश की राजनीति से दूरी बरतने का काम किया था। हालांकि प्रादेशिक मुद्दों पर प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी इंटरनेट मीडिया पर लगातार सक्रियता बनी रही।

मैदानी सक्रियता लगभग नहीं के बराबर रही। अब जबकि अजीत जोगी की बरसी हो गई है। रणनीतिकारों ने एक बार फिर संगठनात्मक गतिविधियों व सक्रियता पर जोर देना शुरू कर दिया है। शहर व जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर रणनीतिकारों ने संकेत दे दिया था। अब नवनियुक्त जिलाध्यक्षों द्वारा जिला स्तरीय समन्वय समिति बनाई जा रही है। इसमें पार्टी के प्रति ईमानदार और कर्मठ कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जा रहा है।

जंबो सूची में संगठन से जुड़े लोगों को किया शामिल

रामायण यादव, प्रदीप राय, मार्ग्रेड बेंजामिन, मोनू ठाकुर, दीपक राही, गोपाल यादव, विजय सिंह राजपूत, सुधीर गोधरे, गजानंद चौहान, अश्विनी द्विवेदी, वाहब अली, प्रमोद पटेल, गुड्डा कश्यप, मनीष बबलू जार्ज, फुल चंद लहरे, हरीश चंद यादव, चिंतादेवी, परमेश्वर यादव, सत्येंद्र गुलेर, आलोक ठाकरे, शैरोन मसीह, सुब्रत जाना, इमरान जोगी, सुनील वर्मा, अंकित, रितेश वाजपेयी, सागर मंगेशकर, रोहित अनंत, बाबी राज, ललिता भारद्वाज, मैडी यादव, अंकित मिश्रा, दिलदार सिंह खूंटे, राहुल गडेवाल, निधि ढाबरे, निशांत तिवारी, मनीष मिश्रा, संतोष मेश्राम, करण मधुकर, राज कोसले, शरद पांडे, राज बहादूर, संजय तिवारी, अभिषेक चौबे, सतीश लास्कर, अभिषेक दिवाकर, शुभम गुप्ता, सुहंग दास, राजेश लहरे, विपिन व इरशाद खान।

कार्यकारिणी की घोषणा होते ही समिति हो जाएगी भंग

जिलाध्यक्ष विक्रांत तिवारी ने स्पष्ट किया है कि जिला कार्यकारिणी के गठन के पहले तक समन्वय समिति कार्य करती रहेगी। जैसे ही जिला कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाती है। उसी दिन से समन्वय समिति का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। लिहाजा स्वत: समिति को भंग मानी जाएगी।