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सात सालों में नहीं किया नियमित स्वास्थ्य सचिव व डीन को अवमानना नोटिस जारी

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बिलासपुर। दो साल की परिवीक्षा अवधि पर नियुक्त किए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को सात साल बाद भी नियमित नहीं किया गया है। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं किया जा सका है। इस प्रकरण में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव व सिम्स के डीन को अवमानना नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

सुधीर सिंह व सात अन्य ने हाई कोर्ट में अधिवक्ता पीके झा के माध्यम से न्यायालय की अवमााना याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति साल 2013-14 में सिम्स बिलासपुर में हुई थी। उन्हें दो साल की परिवीक्षा अवधि में नियुक्ति दी गई है। इसके तहत दो साल बाद उन्हें नियमित किया जाना था। लेकिन इस बीच याचिकाकर्ताओं को नियमित करने के बजाय सात साल तक परिवीक्षा अवधि में रखा गया। इस पर उन्होंने सिम्स के डीन सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के समक्ष नियमितीकरण करने के लिए आवेदन पत्र दिया।

लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तब परेशान होकर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने अपनी सेवा शर्तों का उल्लेख करते हुए प्रविधान के अनुसार नियमित करने का आग्रह किया था। साथ ही इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग व सिम्स को आदेशित करने की मांग की गई थी। 19 अगस्त 2020 को जस्टिस गौतम भादुड़ी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य सचिव व सिम्स के डीन को याचिकाकर्ताओं के नियमितीकरण प्रकरण का चार माह में निराकरण करने का आदेश दिया था। लेकिन कोर्ट के उक्त आदेश पर भी अमल नहीं किया गया। आलम यह है कि अब तक उन्हें नियमित नहीं किया गया है। तय समय बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर स्वास्थ्य सचिव व सिम्स के डीन को पक्षकार बनाते हुए उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की गई है। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने दोनों पक्षकारों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।