Home Uncategorized विश्व पर्यावरण दिवस पर सुश्री सीमा वर्मा की स्वरचित रचना:

विश्व पर्यावरण दिवस पर सुश्री सीमा वर्मा की स्वरचित रचना:

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वक्त बे वक्त पर प्रकृति,
हमको करती रही आगाह|

पर हम मानव तो हो गये,
लालच में अंधे बेपनाह|

कहीं लगाई कई फैक्ट्रियां,
कहीं खड़े किये बड़े मकान|

जब सांस लेने में हुई दिक्कत,
तो मचा रहे क्यों इतना बवाल|

अहंकार में इतने तुम डूब गए कि,
प्रकृति का जरा भी न रखा खयाल

हवा और पानी में जहर घोलना,
तुम्हारा ही तो रहा है यह काम|

अब क्यूं प्रकृति पर लगा रहे,
तुम चीख चीख कर इल्जाम|

आज के सभी हालातो के,
सिर्फ तुम ही हो जिम्मेदार|

सम्भल जाओ हे! मानव वरना,
इसे भी भयावह होंगे परिणाम|

सीमा वर्मा (सरु दर्शिनी)
बिलासपुर छत्तीसगढ़