वर्धा,छत्तीसगढ़ उजाला: दि. 04 जून 2021:
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा है कि पानी के संरक्षण, सदुपयोग और संग्रहण की क्षमता को बढ़ावा देते हुए भूमि जल के अच्छे और प्रभावी प्रबंधन के लिए जनआंदोलन की आवश्यकता है।
प्रो. शुक्ल आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, मध्य क्षेत्र, नागपुर तथा महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘जलधर एवं वर्धा जिले का जल प्रबंधन’ विषय पर शुक्रवार को ऑनलाइन व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, मध्य क्षेत्र, नागपुर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पी. के. जैन ने की .
कुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि देश के पूर्व क्षेत्र में कभी भूमि जल पर्याप्त मात्रा में था परंतु वर्तमान समय में राजस्थान, हरियाणा और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में भूमि जल की मात्रा खतरनाक स्थिति में पहुंची है। उन्होंने भूमि जल के संबंध में वर्धा जिले का उल्लेख करते हुए कहा कि जिले में तीसरे-चौथे वर्ष में वर्षा औसत से कम होती है। भूमि जल के निरंतर दोहन की वजह से भूमि जल की उपलब्धता कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य के खतरे को देखते हुए भूमि जल की पहचान कर पानी के उपयोग और नियोजन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, मध्य क्षेत्र, नागपुर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पी. के. जैन ने कहा कि बारिश को लेकर भारत में विविधता की स्थिति देखने मिलती है। पानी की क्षमता की तुलना में मांग अधिक है। भूमि के भीतर के पानी का ठीक से प्रबंधन न होने की वजह से भूमि जल खतरे में आ रहा है। डॉ. जैन ने अपने व्याख्यान में वर्धा जिले का भूमि जल प्रबंधन और भविष्य में पानी की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया।
भू-जल सर्वेक्षण व विकास यंत्रणा, नागपुर के उपनिदेशक श्री मंगेश चौधरी ने कहा कि वर्धा जिला महात्मा गांधी और विनोबा भावे के प्रेरक विचारों से सिंचित है। यहां भूमि जल को लेकर उनके विचारों पर अमल करने की आवश्यकता है।
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, मध्य क्षेत्र, नागपुर के वरिष्ठ भूमि जल वैज्ञानिक श्री कार्तिक डोंगरे ने पावर प्वाइंट के माध्यम से वर्धा जिले की भू संरचना, भूमि जल की उपलब्धता और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर ‘ग्रामीण जल बजट’ विषय पर सहायक भू वैज्ञानिक नंदु कनोजे ने संबोधित किया। । कार्यक्रम का परिचय एवं स्वागत वक्तव्य केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, मध्य क्षेत्र, नागपुर के वैज्ञानिक श्री राहुल शेंडे ने दिया । संचालन एवं आभार ज्ञापन केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, मध्य क्षेत्र, नागपुर की वैज्ञानिक सुश्री पूर्णिमा बारहाते ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी तथा केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित जल प्रबंधन से जुड़े गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।