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ठगी : खुद को मंत्री और कलेक्टर का खास बताकर, बेरोजगार से नौकरी लगवाने के नाम से 19 लाख की ठगी

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रायपुर। : एम्स, एसईसीएल और बीएसपी में आसानी से नौकरी लगवाने का दावा करने वाला शातिर ठग जीवमंगल सिंह टंडन का रहन-सहन और बातचीत करने का अंदाज ऐसा था कि हर कोई उससे प्रभावित हो जाता था। ठगी के शिकार पीड़ित भी उसके झांसे में फंसकर अपनी जमा पूंजी गंवा बैठे। जांजगीर-चांपा जिले के तुलसी गांव का निवासी जीवमंगल सिंह खुद को नगरीय प्रशासन मंत्री डा.शिव डहरिया और बलरामपुर जिले के कलेक्टर का खास बताकर पिछले दो साल से पीड़ित बेरोजगारों को घुमाता आ रहा था।

वह यह कहता था कि मैने मंत्री डहरिया को चालीस लाख रूपये देकर चुनाव जितवाया है। उन्हें मेरा हर काम करना ही पड़ेगा। जब नौकरी नहीं मिलने की सारी उम्मीद खत्म हो गई, तब जाकर पीड़ितों ने रायपुर एसएसपी अजय यादव के सामने गुहार लगाई। कप्तान के निर्देश पर आखिरकार ठग के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर उसकी तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है।

सरस्वती नगर इलाके के कोटा कालोनी निवासी पीड़ित मोहम्द उमर गनी ने बताया कि तीन साल पहले जब वह कृष्णा आयरन सरोरा कंपनी में काम कर रहा था,तब एसईसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर जीवमंगल सिंह टंडन ने 10 अगस्त 2018 को तीन लाख 50 हजार रुपए उससे ले लिए थे। उमर ने पैसे की पावती मांगा तो शातिर ने कहा कि नौकरी के नाम पर लेन-देन करना अपराध है।

इसलिए मैं अपने लेटर पैड में टाइप कर देता हूं, रकम लेने के कुछ दिनों बाद ठग ने उमर के घर आकर कहा आपका काम हो चुका ह।जल्द ही आपको प्राइवेट नौकरी से छुटकारा मिल जाएगा। इसी बीच आरोपित ने उमर के घर आकर कहा कि आपका सारा काम हो गया अब आप प्राइवेट नौकरी छोड दो। अगर आपके परिचित और लोग होंगे तो बुला लो। बाद मै नौकरी मिलना मुश्किल है। तब उमर ने अपने दोस्त अब्दुल समद से बात किया तो वह भी तैयार हो गया। टंडन से उसकी मुलाकात करवाई उसके बाद उससे भी डेढ़ लाख रुपये ले लिए।

फिर उसने उमर को घर बुलाकर कहा कि एम्स के डायरेक्टर से बात हुई है। सुपरवाइजर के तीन पद खाली है। तब उमर ने अंबिकापुर निवासी चाचा अब्दुल वदूद को यह बात बताई। उन्होंने उत्‍तर प्रदेश के चंदौली जिले के नई बाजार (सकलडीहा) निवासी अशोक यादव पिता श्याम लाल यादव को साढे चार लाख रूपये लेकर रायपुर बुलवाया। फिर छह लोगो के साथ जीव मंगल सिंह टंडन से बात हुई। उसने अशोक से पैसे ले लिए फिर एक मार्च 2019 को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया।

ऐसे दिया धौंस

ठग ने धीरे-धीरे छह लोगों से कुल 19 लाख 50 हजार रुपये ठग कर अपने जाल में फंसा लिया था। उसने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी कासिफ इकबाल को परीक्षा में पास कराकर नौकरी दिलाने की जिम्मेदारी लेकर सात लाख रुपए अपने खाते में डलवा लिए। इतना ही नहीं, ठग ने कासिफ को यह तक कह दिया कि नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया को चुनाव जिताया है। उन्हें हमारी बात सुननी ही पड़ेगी।

बलरामपुर कलेक्टर को बताया दोस्त

शातिर ठग से बातचीत के दौरान अब्दुल वदूद ने अपने क्षेत्र जिला बलरामपुर के तीन गांव गुरमुटी, मेढना, मदनपुर स्कूल से जुड़े कुछ काम बताए। फिर क्या ठग को एक और मौका मिल गया और उसने बलरामपुर जिले के कलेक्टर को अपना दोस्त बता दिया और हाथों-हाथ काम दिलाने का दावा कर उसके एवज में एक लाख 50 हजार रुपए की मांग कर ली। अब्दुल वदूद ने किस्मत बदलने का सपना देख ठग को पैसा दे दिया। इसके बाद ठग ने अपने लैटर पैड पर बलरामपुर कलेक्टर को पत्र लिख दिया।

ठग ने सुप्रीम कोर्ट में फंसाने की दी धमकी

भुक्‍तभोगियों का कहना है कि लंबा समय बीत जाने के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली। ठग को फोन कर पूछा तो वह कभी दौरा में रहना बताकर टालने लगा। बाद में फोन भी उठाना बंद कर दिया। वह पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट में केस कर फंसा देने धमकी देने लगा। रकम लौटने का दबाव बनाने पर वह अपनी ऊंची पहुंच की धौंस दिखाते हुए सबको थाने में अंदर करवा देने की धमकी देकर चुप करा देता था। शातिर ठग ने मोहम्मद उमर से साढ़े तीन लाख,अब्दुल समद से डेढ़ लाख रुपये, अशोक यादव से साढ़े चार लाख रुपये, जावेद से एक लाख रुपये, कासिफ इकबाल से सात लाख रुपये समेत एक अन्य से डेढ़ लाख रुपये कुल 19.50 लाख रुपये ठगे है।