मन्दसौर जिला अस्पताल में वेंटिलेटर मशीनें खा रही धूल, नही दिख रही स्थानीय प्रशासन की दिलचस्पी ।
राजेश शर्मा “जय महाँकाल” ।
कोरोना महामारी के इस भयावह दौर में एक तरफ शासन व प्रसाशन सोशल मीडिया पर महामारी के नियंत्रण के बखूबी दावे कर रहे है । वही ज़मीनी हक़ीक़त की दास्तान अपने आप मे कई सवाल खड़े कर रही है।
आक्सीजन सिलेंडर के अरेंज करने की जद्दोजहद फिर उसे भरवाने की कोशिश किसी जंग लड़ने के हालातों से कम नही है। इन हालातों से आम और ख़ास सभी वाकिफ़ है ।
ऐसे हालातों में मंदसौर जिला अस्पताल में कितनी मौते हो रही है यह हम सभी जानते है। पर आपको यह जानकर धक्का लगेगा कि मन्दसौर जिला अस्पताल में नई 5 वेंटिलेटर मशीनें धूल खा रही है ।
जी, बिलकुल यह सुनकर ही आत्मा की चीत्कार गूंजती है कि हम अपने कितनो को बचा सकते थे…?
इस मामले को लेकर हमने मंदसौर विधायक यशपालसिंह जी सिसोदिया से चर्चा करी जिन्होंने जिला अस्पताल के CMHO याने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जिला अधिकारी राठौर साहब से बात करने को कहा ।
CMHO राठौर साहब ने बताया कि हां वेंटिलेटर मशीनें तो रखी हुई है पर वो क्यों काम नही ली जा रही इसके लिए लिए जिम्मेदार डॉ आर्य है । आप डॉ. D.K.शर्मा से संपर्क करें ये उनकी जवाबदेही है जो उनको करना चाहिए।
ये कह कर CMHO साहब फ्री हो गए ।
यहां उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में जहाँ आपात स्थिति बनी हुई है और वेंटिलेटर मशीनें निजी चिकित्सालय सिद्धि विनायक को दे दी गई थीं। वरन यह भी सामने आया है कि जिला पंचायत सीईओ के कहने पर वेंटिलेटर मशीनें निजी अस्पताल में दी गई थी ।
आपको बतादें की वेंटिलेटर मशीन की ऑपरेटिंग के लिए एम डी एनेस्थीसिया की जरूरत होती है। यह जानना भी आवश्यक है कि जिस निजी चिकित्सालय में 3 अपनी वेंटिलेटर मशीन होने के बाद भी जिला चिकित्सालय की वेंटिलेटर मशीनें उपगोग करी गई। दूसरी तरफ जिला अस्पताल को कोई इन मशीनों को ऑपरेट करने वाला डॉ. नही मिल रहा यह भी विचित्र बात है ।
अब प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ही जांच करा कर कार्यवाही करके जनता को प्रमाण दें कि वो अपनी जनता के साथ है या स्वास्थ्य माफ़िया के साथ ..।