छत्तीसगढ़ उजाला…
- जिन लोगों की संक्रमित होने की अधिक सम्भावना है, उनको टीके की खुराक पहले लगना चाहिए भले ही वे किसी भी वर्ग या जाति के हो
- टीका का निर्णय अस्पताल में डॉक्टर करेंगे न कि बंद कमरे में बैठे नेता
- कोरोना का सामना राजनीति की जगह विज्ञान के आधार पर ही हो
- सरकार के ग़ैर-संवैधानिक, ग़ैर-वैज्ञानिक, अनैतिक और अपढ़ फ़ैसले को न्यायालय में चुनौती देंगे
रायपुर. 1.5.21. अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार का टीकाकरण में आरक्षण लागू करने के फ़ैसले को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जिन लोगों की संक्रमित होने की अधिक सम्भावना है, उनको टीके की खुराक पहले लगना चाहिए भले ही वे किसी भी वर्ग या जाति के हों। कोरोना का सामना राजनीति की जगह विज्ञान के आधार पर ही होना चाहिए।
अमित जोगी ने कहा कि संवैधानिक और नैतिक रूप से किसी भी शासक को यह तय करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता कि कौन जिये और कौन मरे। उपचार का केवल एक ही आधार होता है जिसे चिकित्सा की भाषा में ट्रीआज़ (Triage) कहा जाता है। अगर सर्वदलीय बैठक में माननीय मुख्यमंत्री मेरी बातों को ध्यानपूर्वक सुनते तो उन्हें भी स्पष्ट हो जाता कि टीकाकरण में प्राथमिकता का आधार आर्थिक नहीं बल्कि व्यक्ति-विशेष की चिकित्सीय स्थिति ही होनी चाहिए। इसका आँकलन डॉक्टर करेंगे न कि मुख्यमंत्री।
अमित ने कहा कि अगर सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करती है तो प्रदेश के एकमात्र क्षेत्रीय दल के अध्यक्ष के साथ-साथ एक वकील होने के नाते वे सरकार के इस ग़ैर-संवैधानिक, ग़ैर-वैज्ञानिक, अनैतिक और अपढ़ फ़ैसले को न्यायालय में चुनौती देंगे।
अमित जोगी
प्रदेश अध्यक्ष
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)