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असमर्थ व असफल नेतृत्व की वजह से कोरोना काल में छत्तीसगढ़ की जनता हो चुकी है त्रस्त:प्रसून चतुर्वेदी

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छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध आज प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन में समूचे छत्तीसगढ़ में आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं आम जनता ने दोपहर 2 से 5 बजे तक नियमों का पालन करते हुए धरना दिया गया। #भूपेशसरकार होशमें आओ , वर्तमान परिदृश्य में भूपेश सरकार के कारनामे किसी आक्रांता से कम नहीं हैं ; जिसकी शुरुआत तो इन्होंने पहले कोविशील्ड की 5.26 लाख डोज़ वापस कर छत्तीसगढ़ की आम जनता को ये संदेश दिया की ये वैक्सीन प्रामाणिक नहीं हैं ; जबकि टीकाकरण अभियान की शुरुआत में इन्होंने 10 लाख डोज़ की मांग की थी , जिसकी दूसरी खेप 2 अप्रैल को 7.50 लाख डोज़ मिलनी थी।


यदि माननीय भूपेश जी पहली खेप ही नहीं लौटते तो आज ये वीभत्स दृश्य सामने न होता । केंद्र सरकार से इन्हें वैक्सीन ,ऑक्सीजन ,रेल्वे के सर्व सुविधायुक्त मेडिकल कोच ,वेंटिलेटर आदि सब चाहिए तो क्या राज्य सरकार सिर्फ गोबर खरीदने और शराब बेचने बैठी हैं ? अभी तक 6674 लगभग मौतों को हमने देखा हैं, शायद हम इन्हें बचा सकते थे,अगर आप सिर्फ केंद्र को कोसने की तुच्छ राजनीति न कर रहे होते तो ; दुर्भाग्यवश अभी भी आपके पास कोई ठोस रणनीति दिखायी नहीं देती इस महामारी से निपटने के लिए और यदि हैं तो जनता के समक्ष रखें ।
अभी भी मौत के इस तांडव को रोकने हेतु कुछ तात्कालिक सुधारों की आवश्यकता हैं।

जिसमें सर्वप्रथम , प्रधानमंत्री जी की, भूपेश जी स्वयं अपनी और अपनी कैबिनेट की वैक्सीनेशन की फ़ोटो गाँव ,देहातों में लगवाएं और अपने वीडियो संदेश से भ्रामकता का शमन करें, जिससे आज प्रशासनिक अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों की ऊर्जा उन्हें समझाने में नष्ट हो रही हैं वो बचे और टीकाकरण अधिक से अधिक हो सके एवं “कोरोना किट” के रूप में प्राथमिक पांच दवाइयां सभी घरों में अवश्य होनी चाहिए ।


दूसरा, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, सामाजिक संस्थाएं , एन. एस. एस के युवा सेवी, एन.सी.सी के कैडेट्स आदि स्वेच्छा से आगे आएं और जिला प्रशासन के साथ खड़े हों और कार्यों में सहभागिता सुनिश्चित करें।
तीसरा, फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स की तरह फल,सब्जी एवं राशन की घर पहुंच सेवा देने वाले सभी लोगों को रजिस्टर्ड कर वैक्सीनेशन किया जाए।


चौथा , राज्य में अब तक कोरोना से ठीक हुए 477हजार लोगों में से जिला स्तर पर कुछ के वीडियो संदेश जारी किए जाएं जिससे लोगों का मनोबल इस जंग के लिए बना रहे , समय- समय पर संचार माध्यमों से इन्हें अनिवार्यतः प्रसारित किया जाना चाहिए। और पांचवा, यदि ये उपरोक्त सभी न किए जा सके तो #माननीय_भूपेशजी को त्यागपत्र देकर राष्ट्रपति शासन के लिए छत्तीसगढ़ को महामहिम को सुपुर्द कर देना चाहिए ….।

दुष्यंत जी की पंक्तियों से प्रेरित :

हल्ला करना मेरा मकसद नहीं
मेरी जुस्तजू हैं इसकी शाम होनी चाहिए
होगी वो सुबह तेरी भी और मेरी भी
बस थोड़ी इंकलाब की आग चाहिए।