बाहुबली मुख्तार अंसारी को आज सुबह साढ़े चार बजे कड़ी सुरक्षा के बीच पंजाब से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल लाया गया है. मुख्तार अंसारी को जेल की बैरक नंबर 16 में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. यूपी में मुख्तार अंसारी पर 52 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें से सबसे बड़ा मामला बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का है. जानिए मुख्तार अंसाली यूपी से पंजाब की जेल कैसे पहुंचा. साथ ही जानिए वह कैसे साजिश बनाकर अपराध को अंजाम देता था.
साजिश रचकर यूपी से पंजाब गया मुख्तार
योगी सरकार में होती ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से त्रस्त माफिया मुख्तार अंसारी खुद को यूपी की बांदा जेल में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा था, तब उसने बड़ी तरकीब से वहां से निकलने का प्लान बनाया. जनवरी 2019 में मुख्तार के नाम से पंजाब के 6390407709 नंबर से पंजाब के बिल्डर उमंग को फोन किया गया. बिल्डर ने आरोप लगाया कि उनसे 10 करोड़ की रंगदारी मांगी गई है और रंगदारी ना देने पर जान से मारने की धमकी भी.
इसके बाद पंजाब पुलिस ने मोहली में मामला दर्ज कर लिया और केस दर्ज होते ही प्रोडक्शन वारंट लेकर पंजाब से पुलिस टीम यूपी पहुंच गई और ये तक नहीं जानने की कोशिश कि मुख्तार ने फोन किया था या नहीं? आवाज का नमूना तक नहीं मिलाया गया. बांदा कोर्ट से परमीशन ली गई और यूपी पुलिस ने बिना सोचे-समझे 21 जनवरी 2019 को मुख्तार को पंजाब जाने दिया. मुख्तार को रोकने की दलीलें तब यूपी पुलिस ठीक से नहीं दे पाई. 24 जनवरी 2019 को मुख्तार को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया और उसके बाद मुख्तार अंसारी का नया ठिकाना पंजाब की रोपड़ जेल बन गई.
जेल में रहते हुए भी अपना दरबार सजाया करता था मुख्तार
मुख्तार पिछली सरकारों में यूपी के जेल में रहते हुए भी अपना दरबार सजाया करता था. जेल में रहते हुए मोबाइल रखना तो मुख्तार के लिए बहुत मामूली बात थी. यहां तक कि जिस दिन साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की गाजीपुर में हत्या हुई, उस वक्त भी गाजीपुर जेल में बंद मुख्तार के पास मोबाइल था और फैजाबाद जेल में बंद अपने सहयोगी माफिया अभय सिंह को हत्या की जानकारी दे रहा था.
दरअसल बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय चोटी रखा करते थे और मुख्तार अपने सहयोगी अभय सिंह को ये बताते हुए पाया कि कृष्णानंद राय की हत्या कर उनकी चोटी काट ली गई. हालांकि सबूतों के अभाव में मुख्तार अंसारी को कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में निचली अदालत से बरी किया जा चुका है. कृष्णानंद राय की हत्या का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है.
यूपी भेजने पर पंजाब पुलिस लगाती थी अड़ंगा!
यूपी सरकार ने मुख्तार को वापस लाने की कुछ नहीं तो कम से कम 40 बार कोशिश की होगी लेकिन पंजाब सरकार की सरपरसत्ती में हर बार अड़ंगा लगा दिया जाता था. दर्जनों बार पंजाब पुलिस ने मुख्तार को मेडिकली अनफिट बताकर यूपी नहीं भेजा. कभी सुगर तो कभी बीपी, तो कभी डॉन को डिप्रेशन का शिकार बताया गया.
अकेले यूपी में ही मुख्तार अंसारी पर 52 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें से सबसे बड़ा मामला बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का है. इसके अलावा हत्या, रंगदारी से लेकर कई मामलों में मुख्तार पर केस है. एक मार्च 2006 का एक और ऑडियो टेप इस बात की पुष्टि करता है कि जेल में बैठकर कर ही वो अपने शॉर्प शूटर मुन्ना बजरंगी से एक हत्या की बात कर रहा था.
बैरक नंबर 15 बना मुख्तार का नया ठिकाना
इसी साल 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार को यूपी भेजने का फैसला सुनाया था. इसके बाद यूपी पुलिस पंजाब पहुंची और आज मुख्तार को बांदा जेल लाया गया. मुख्तार को बैरक नंबर 15 में रखा गया है. मुख्तार के लिए जेल में खास सेल बनाई गई है. मुख्तार के खाने की जांच को लेकर भी खास निर्देश दिए गए हैं.
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