रायपुर कलेक्टर के नाम मेरा खुला पत्र : सुबोध हरितवाल
सर मैं ये पत्र रात 03:31 को लिख रहा हु क्योंकि आज दोपहर से मेरे मित्र के पिताजी को एक बिस्तर तक नही मिला और उन्हें स्ट्रेचर में ही पूरा दिन और रात निकालना पड़ा। उनकी उम्र मात्र 70+ है। इसके साथ पिछले 3 दिनों के ऐसे सैकड़ो मामले है जहां लोगो को कठिनाई का सामना करना पड़ा है।
ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे शहर में 2800+ मरीज़ रोज़ भर्ती हो सके इतने बिस्तर अस्पतालों में नही है। इसी दिन के लिए रुके है क्या आप??
महोदय मैने आपसे 5 दिनों पहले निवेदन किया था (पत्र और फोन दोनों पर) की रायपुर की परस्थिति खराब होती नजर आ रही है और आपको कम से कम वीकेंड लॉक डाउन लगाना चहिए जिससे कि हालात में कुछ नियंत्रण किया जा सके। परंतु आपकी ओर से कोई निर्णय नही आया इस बात का मुझे बेहद दुख है।
आज परिस्थितियों में बड़ा बदलाव आ गया है अब पूर्ण लॉक डाउन की आवश्यकता है और आशा करता हु की रायपुर वासियो की सुरक्षा हेतु ये निर्णय जल्द लिया जाएगा।
भारतीदासन जी ये शहर और यहा के लोग हमारे है और इनका इस कदर परेशान होना अब देखा नही जा रहा है। आपसे कुछ सवाल है..
- जब मुख्यमंत्री जी ने आपको अधिकार दिया कि आप लॉक डाउन लगा सकते है तो क्या आपको शहर की बिगड़ती व्यवस्था नही नज़र आ रही है??
- जब निर्णय लेना आप के विवेक पर छोड़ा गया है तो क्या आपका दायित्व बढ़ नही जाता शहर के लोगो के प्रति??
- पिछले 3 दिनों में 6700 से ज्यादा मरीज़ पॉज़िटिव आये आपको जानकारी नही मिली??
- क्या आपके पास किसी अस्पताल में बिस्तर खाली बचा है??
- आपके पास लॉक डाउन के अलावा और कोई विकल्प बचा है??
- यदि लॉक डाउन के निर्देश पर आपको किसी ने रोका है तो क्या आप सार्वजनिक रूप से बताएंगे कौन??
आपके जवाब की प्रतीक्षा करूँगा महोदय..
इन सब के अलावा हम रोज़ एक एक कर अपने दोस्त, परिचित, रिश्तेदारो को खोते जा रहे है जो अब देखा नही जा रहा है। मुझे और मेरे साथ इस शहर के समस्त लोगो को शायद महसूस हो गया है कि लॉक डाउन ही एक उपाय है।
घर से बेहतर कोई जगह नही जहां रहकर इस बीमारी से लडा जा सकता है। जब आपके समझ आ जाये तो हम पर अहसान करे और जिले में लॉक डाउन की व्यवस्था को लागू करे।
धन्यवाद
सुबोध हरितवाल
एक ज़िम्मेदार नागरिक
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युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने कलेक्टर के नाम आज यह पत्र जारी किया है।सुबोध ने जिला कलेक्टर से बडा सवाल किया है।क्या कोरोना पर आज रायपुर की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है।ऐसे बहुत से सवाल है जिनको सुबोध हरितवाल ने उठाया है।बड़ी ही दमदारी से एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य सुबोध ने उठाया है।अब प्रशासन को इस मामले पर मनन करने की आवश्यकता है।