बिलासपुर/ सिम्स के प्रबंधकारिणी समिति के सामान्य सभा की बैठक आज स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ली गई। बैठक में सिम्स महाविद्यालय एवं अस्पताल के वार्षिक स्वशासी बजट तथा प्रबंधकारिणी सभा में पारित निर्णय पर चर्चा एवं अनुमोदन किया गया।
बैठक में बिलासपुर विधायक श्री शैलेष पाण्डेय, स्वास्थ्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, संभागायुक्त डाॅ. संजय अलंग, संचालक चिकित्सा शिक्षा डाॅ. आर.के.सिंह, कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर, सिम्स की डीन डाॅ. तृप्ति नगरिया एवं अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में सिम्स के डीन द्वारा प्रबंधकारिणी समिति की बैठक का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि सिम्स में आदर्श सेवा नियम 2019 लागू करने का निर्णय लिया गया है। परिसर में स्थित धर्मशाला और दाल-भात केन्द्र में आपात चिकित्सा शाखा को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है, जिस पर कार्यवाही अपेक्षित है। श्री सिंहदेव ने संभागायुक्त को एक हफ्ते में इस पर कार्यवाही करने कहा। उन्होंने कहा कि धर्मशाला व्यवसायिक उद्देश्य के लिए संचालित न हो। परिसर में स्थापित मंदिर को शांतिपूर्ण तरीके से एवं सहमति से अनियत्र स्थापित किया जाये और जन सहयोग से मंदिर का पुनः निर्माण किया जाये। प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए फंडामेंटल कोर्स प्रारंभ किया जायेगा, जिसके लिए शिक्षकों की व्यवस्था अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय से की जायेगी। डीन ने बताया कि सिम्स अस्पताल बिस्तरों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए मैकेनाईस्ड सेंट्रल लाण्ड्री स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए डीएमएफ मद से स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजने का निर्देश श्री सिंहदेव ने दिया। सिम्स में डम्प लिफ्ट स्थापित करने के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। चिकित्सालय के सिवरेज की समस्या के निदान हेतु सीजीएमएससी को जिम्मेदारी देने का निर्देश दिया गया। एमआरआई मशीन की स्थापना के लिए केबल लाईन बिछाने, थर्ड फ्लोर में स्थापित 100 बेड के आइसोलेशन वार्ड में सुविधाओं के लिए व्यय की गई राशि आदि के लिए कार्योत्तर स्वीकृति बैठक में दी गई। इसके अतिरिक्त अन्य मुद्दों पर भी चर्चा कर निर्णय लिये गये। अस्पताल में सुरक्षा उपकरण और महाविद्यालय में लिफ्ट स्थापना, छात्रावास और स्कील लैब में सीसीटीवी कैमरा और कम्प्यूटर नेटवर्किंग एवं छात्रावास में विभिन्न सुविधाओं के लिए प्रस्ताव दिए गए। श्री सिंहदेव ने कहा कि स्वशासी समिति के पास उपलब्ध फंड के बेहतर उपयोग के लिए कार्ययोजना बनाएं। वर्तमान में सिम्स में 750 बेड उपलब्ध तथा बेड की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके अनुसार पदों की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। सिम्स में वाहन पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया गया। बैठक में सिम्स के अधिकारी तथा सामान्य सभा के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
सिम्स में स्थापित होगा दो अतिरिक्त आरटीपीसीआर मशीन-
सिम्स में कोविड की जांच के लिए दो अतिरिक्त आरटीपीसीआर मशीन उपलब्ध कराई जायेगी। स्वास्थ्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले ने शीघ्र ही इसके लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश सिम्स के डीन को दिया है। कलेक्टर ने बताया कि सिम्स में बिलासपुर के साथ-साथ मुंगेली, गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही जिले के सेम्पल जांच किये जाते हैं। जिसके अनुसार प्रतिदिन 1250 सेंपल जांच होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में एक ही मशीन उपलब्ध होने के कारण प्रतिदिन 794 सेम्पलों की जांच हो पा रही है। मशीनों की संख्या बढ़ने से जांच में तेजी आयेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने सिम्स में संचालित आॅक्सीजन जनरेटिंग प्लांट की जानकारी ली और कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए जनरेटर स्थापित करने सीजीएमएससी को तत्काल निर्देशित करने कहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि होम आईसोलेशन में रहने वाले मरीज स्थिति खराब होने पर काफी देर से अस्पताल पहुंचते हैं, जिससे उनके जीवन को खतरा हो जाता है। इसलिए होम आइसोलेशन में रहने वालों मरीजों की सत्त निगरानी की जाये। कलेक्टर ने बताया कि बिलासपुर जिले में चार दिन के भीतर 82 हजार वैक्सीनेशन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लक्ष्य अनुरूप सेम्पल कलेक्शन किये जा रहे हैं। जिले में प्रतिदिन लगभग ढाई सौ से तीन सौ कोविड मरीजों की पहचान हो रही है। जिले में 70 प्रतिशत से अधिक कोविड मरीज होम आईसोलेशन में हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड संक्रमण को देखते हुए बिलासपुर में 4 हजार बिस्तरों की तैयारी के निर्देश दिए। साथ ही संभाग में एक हजार आक्सीजन बेड की तैयारी के भी निर्देश दिए। श्री सिंहदेव ने संभागायुक्त को निर्देशित किया कि अन्य राज्यों में कोविड संक्रमण और लाॅकडाउन की स्थिति को देखते हुए प्रवासियों की बड़ी संख्या में राज्य में वापसी होने की संभावना है। जिनकेे लिए क्वारेन्टाइन प्रबंधन की तैयारी भी करें।