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स्वयं सहायता समूह के चलते महिलाएं रोजगार की मुख्यधारा से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही है

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इस मिशन से बिल्हा ब्लाक अंचल के महिलाओं के साथ शहर की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नया आधार मिल रहा है।

स्वयं सहायता समूह के चलते महिलाएं रोजगार की मुख्यधारा से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।


जनपद बिल्हा संकुल चैत्र के ग्राम पंचायत पेंड्रीडीह, चकरभाठा, झलफ़ा, बिटकुली ब्लॉक आदि समूह के महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं तथा 2,000 महिलाएं जुड़ी हैं जो अब खेती व पशुपालन तथा जैसे मसाला, साबुन, पापड़, अचार, फिनाइल गुलाल, फोल्डर फाइल, मोमबत्ती, अगरबत्ती, मशरूम आदि कर अपने परिवारों का पालन पोसड़ अच्छे से कर रही हैं बिल्हा ब्लॉक के महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य सावित्री दास लगी हैं सरकारी संस्था के तहत वे ग्रामीण महिलाओं को जैविक खेती, गोबर के दिये, झालर, डिजाइन सजावटी सामान, अचार , पापड़ जैसे छोटे व्यापारो को शुरू करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है उन्होंने बताया कि लधु कुटीर व्यापारों से जुड़कर प्रत्येक महिला प्रतिमाह 6 हजार से 10 हजार रुपये की आमदनी कर रही हैै।

इसके साथ ही होली पर्व को लेकर 250 महिलाओं के द्वारा गुलाल ,कगच की टोपी गुजिया, सलोनी मीचार आदि तैयार किए गए हैं जो की बाजारों में खूब बिक रहे हैं। इस चैत्र समूह में मंजूषा गढेवाल,सिमा तिवारी, रवीना रात्रे,अमृत ढिड़ें, रानी चक्रवती गायत्री आदि कार्य में लागे हुवे हैं।