श्रमिक संगठन एटक की पहल रंग लाई है। एटक ने बीते दिनों एसईसीएल प्रबंधन से खदानों व कालरी इलाके में कार्यरत श्रमिकों को परिजनों के जानमाल की सुरक्षा का हवाला देते हुए कोरोना टीकाकरण की मांग की थी। एटक की मांग पर एसईसीएल प्रबंधन ने अपनी सहमति दे दी है। साथ ही गुस्र्वार से इंदिरा विहार स्थित स्वास्थ्य केंद्र में शिविर लगाकार श्रमिकों व आश्रितों को कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है।
सुबह साढ़े नौ बजे से एसईसीएल स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। कोरोनाकाल में देश के औोगिक प्रतिष्ठान, आदि संस्थाएं बंद रहे लेकिन कोल इंडिया ही एकमात्र ऐसी कंपनी है जो महामारी के दौरान भी कभी बंद नहीं रहा। आम लोग अपने घरों में रहे लेकिन कोयला श्रमिक अपनी जान की परवाह किए बिना कंपनी के कार्य में निरंतर लगे रहे। कोल इंडिया के चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सुरक्षा विभाग,खदान,कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा सफाई एवं अन्य कर्मचारी लगातार काम करते रहे।
एसकेएमएस(एटक) केंद्रीय कार्यकारिणी की 10 मार्च को विश्रामपुर क्षेत्र में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि चूंकि कोयला मजदूर समूह के साथ ही भीड़- भाड़ वाले स्थान पर कार्य करते हैं जहां शारीरिक दूरी बनाने के नियमों का पालन करना बेहद कठिन है। कोरोना संक्रमण के कारण एसईसीएल में करीब 50 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है। इसे ध्यान में रखते हुए श्रमिक संगठन द्वारा एसईसीएल प्रबंधन से कोरोना का टीका समस्त कोयला श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को प्राथमिकता के आधार पर लगवाने की मांग की थी।
इसी निर्णय के अनुसार एसकेएमएस(एटक) एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री एवं एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य हरिद्वार सिंह ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन ने समस्त कोयला श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाने पर सहमति जताते हुए गुस्र्वार से टीकाकरण का आदेश जारी कर दिया है।
आज से शुरू हुआ टीकाकरण : गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे से इंदिरा विहार स्वास्थ्य केंद्र में श्रमिकों व आश्रितों को टीकाकरण लगाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। श्रमिक संगठन ने श्रमिकों को आश्रितों को शिविर स्थल पहुंचकर टीकाकरण कराने का आह्वान किया है।