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खेल रत्न का नाम बदलते ही गोल्ड मेडल मिल गया, शायद कृपा वही अटकी थी – बोले बीजेपी सांसद तो ऐसे किया लोगों ने कमेंट

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भारतीय खेलों के इतिहास में शनिवार का दिन एक ऐतिहासिक दिन था। टोक्यो ओलंपिक में भारत के जैवलिन थ्रोअर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया। 13 सालों बाद जब भारत को ओलंपिक में गोल्ड मेडल मिला तो पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी। उनकी इस जीत पर बीजेपी के लोकसभा सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने एक ट्वीट किया जो काफी वायरल हो रहा है। दरअसल नामग्याल ने हाल में बदले गए खेल रत्न पुरस्कार से जोड़कर गोल्ड जीतने की बधाई दी है, जिस पर कई लोग आपत्ति जता रहे हैं।

उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में लिखा कि खेल रत्न का नाम बदलते ही देश को गोल्ड मिल गया।

उन्होंने लिखा, ‘बधाई हो! खेल रत्न का नाम बदलते ही देश को गोल्ड मेडल मिल गया। शायद कृपा वहीं अटकी हुई थी।’

बता दें, नरेंद्र मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर, कर दिया है। नाम बदलने पर एक अलग बहस ये छिड़ गई है कि नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के नाम पर रखे गए स्टेडियम के नाम भी बदले जाएं।

सांसद का ट्वीट

नामग्याल के इस ट्वीट पर भी लोग कुछ इसी तरह की राय व्यक्त कर रहे हैं। मुदीजी नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम भी बदल दो जल्दी से, टी 20 वर्ल्ड कप आ रहा है।’ संजीव श्रीवास्तव नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान दी। आपकी सोच सही नहीं है। ये शर्म की बात है।’ राजू सिंह नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘मोदी स्टेडियम का नाम नीरज चोपड़ा स्टेडियम कर दिया जाए।’

सी बी तिवारी नाम के एक यूजर ने बीजेपी सांसद को जवाब दिया, ‘हद होती है श्रीमान जी, किसी और का क्रेडिट लेने की। बीजिंग में अभिनव बिंद्रा भी तो गोल्ड लाए थे हर जगह राजनीति डाल कर जनता के रंग में भंग न डालें। खिलाड़ी के नाम पर खेल पुरस्कार होना अच्छी बात है पर खेल प्रांगण भी खेल से संबंधित व्यक्ति के नाम पर ही होना चाहिए।’

पूर्वी पाठक नाम की एक यूजर ने लिखा, ‘हां एक दिन में ही सारा मेहनत कर लिया। क्या मज़ाक बना दिया है? गोल्ड मेडलिस्ट को तो क्रेडिट दे दो।’ रामनिवास बिश्नोई नाम के यूजर लिखते हैं, ‘अगर खेल रत्न का नाम 5-6 दिन पहले ही बदल दिया होता तो ओलंपिक के सारे मेडल भारत ही जीतता।’

आपको बता दें कि इससे पहले शूटर अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीता था। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में अभिनव को स्वर्ण पदक मिला था। ने 87.58 मीटर थ्रो फेंककर ओलंपिक का गोल्ड मेडल अपने नाम किया।