छत्तीसगढ़ उजाला।
कोरबा। रात के वक्त हुई तेज बारिश से बचने एक बैल कहीं से कालोनी के एक मकान के नीचे आकर खड़ा हो गया। उसे सीढ़ियों के नीचे पानी से बचने खड़ा देखा तो लोगों ने अनदेखा कर दिया। सुबह हुई तो उसके रंभाने की आवाज लगातार आ रही थी, पर वह दिखाई नहीं पड़ रहा था। आवाज छत की ओर से आई तो लोग उस ओर भागे। ऊपर जाकर पता चला कि वह बैल एक-एक सीढ़ी नापकर उस तीन मंजिला फ्लैट वाले भवन की छत पर जा चढ़ा था। इसके बाद रेस्क्यू टीम को सूचित किया गया और टीम के साथ पहुंचे जितेंद्र सारथी ने उसे नीचे उतारा। शहर में रोका-छेका अभियान फेल साबित हो रहा, जिसका परिणाम इस तरह दिखाई दे रहा।
हाउसिंग बोर्ड कालोनी रामपुर में रहने वाले लोग उस समय सब सकते में आ गए जब उन्होंने एक बैल को तीन मंजिला ऊपर चढ़े देखा। लोगों ने बताया की बैल रात में पानी से बचने के लिए नीचे खड़ा था, जाने-अनजाने वह ऊपर चढ़ गया होगा। सुबह उठने पर वह लगातार आवाज कर था। लोगों ने जब उसकी आवाज सुनी, तो ऊपर जाकर देखा गया, जहां छत पर बैल खड़ा दिखाई दिया। इसके बाद कालोनी में ही रहने वाले राजीव शुक्ला ने स्नेक रेस्क्यू टीम के प्रमुख एवं वन विभाग के सदस्य जितेंद्र सारथी को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलने पर जितेंद्र सारथी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच और रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। बैल को रस्सी से बांधने के साथ ही रोटी देकर सुरक्षित तरीके से नीचे उतारा गया। जितेंद्र ने बताया कि कुछ पल तो ऐसा लगा मानों बैल रस्सी तोड़ कर नीचे कूद जाएगा। इसलिए धीरज रखते हुए पूरा वक्त लिया गया और उसे धीरे-धीरे आराम से एक-एक सीढ़ी पर सावधानी पूर्वक उतारते रहे। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद उसे नीचे उतारा जा सका और तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।
भोजन की तलाश में भटकने मजबूर मवेशी
शहर की सड़कों पर जहां-तहां घूमते मवेशियों को गोठान पहुंचाने का अभियान फेल साबित हो रहा है। दुर्घटना और बारिश से बचने के साथ अपने लिए चारा की तलाश में उन्हें हर वक्त यहां से वहां भटकते देखा जा सकता है। रिहायशी क्षेत्र में रसोई में पक रहे भोजन की खुशबू उन्हें कालोनियों के आस-पास चले आने आकर्षित करती है। ऐसे में इस तरह की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। सीढ़ियों पर फिसलकर या छत से गिरने की घटना से इस बैल की जान भी जा सकती थी। ऐसी घटना दोबारा न हो, इस दिशा में निगम प्रशासन को प्रयास किए जाने की जरूरत है।