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कोरोना काल मे न्यायधानी के महादेव हॉस्पिटल का कारनामा:कोविड के ईलाज के लिए लोगो से लिये लाखो रुपये:लोगो की बेबसी का बेदर्दी से उठाया फायदा:

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कोरोना काल मे न्यायधानी के महादेव हॉस्पिटल का कारनामा:

कोविड के ईलाज के लिए लोगो से लिये लाखो रुपये:

लोगो की बेबसी का बेदर्दी से उठाया फायदा:

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली व दूसरी लहर में मामले बहुत ज्यादा प्रकाश में आये थे।इस विपदा ने लोगो की जाने बहुत ज्यादा ली थी।पहली लहर से ज्यादा मौते दूसरी लहर में हुई थी।महंगाई के इस दौर में आम जनमानस का जीना वैसे भी दूभर है।लॉक डाउन के लगने से लोगो का व्यापार भी ठप्प हो गया था।अगर देखा जाए तो सभी का काम धंधा ठप्प हो गया था।पर उस समय इमरजेंसी सेवाये बस शुरू थी।

इस विपदा काल मे बहुत से लोगो ने सामाजिक दायित्व का भी बखूबी निर्वहन भी किया।शहर की बहुत सी सामाजिक संस्थाओं ने लोगो को खाना खिलाने के साथ जरूरी सामान भी बांटे।शहर के कुछ अस्पताल वालो ने लोगो की सेवा भी पूरी ईमानदारी से की।वही दूसरी ओर न्यायधानी के व्यापार विहार रोड़ पर स्थित महादेव अस्पताल की अलग ही कहानी रही।

आज हम महादेव अस्पताल की वास्तविकता को लेकर आपसे बात कर रहे है।वैसे यह अस्पताल बच्चो के डॉक्टर आशुतोष तिवारी का है।जिस स्थान पर यह अस्पताल बना हुआ है यहाँ पहले महिमा बिग बाजार व महिमा होटल था।इस काम्प्लेक्स के मालिक जवाहर सराफ से डॉ आशुतोष तिवारी ने इस जगह को किराए में लेकर अस्पताल का संचालन शुरू किया।देखते ही देखते यह अस्पताल भरपूर चलने लगा।कुछ लोगो का कहना है कि यह अस्पताल का किराया काफी ज्यादा है।अस्पताल में इतना ज्यादा किराया,काफी बड़ा इन्वेस्टमेंट, इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर करना आसान बात नही है।जब इतना ज्यादा खर्च अगर किया जाएगा तो उसकी वसूली भी बहुत जरूरी होगी।

अस्पताल में एडमिट मरीजो से ही पैसा वसूल किया जाएगा।और यह कार्य बहुत ही तेजगति से इस अस्पताल में शुरू हो गया।जब से इस अस्पताल की शुरुआत हुई है तब से लेकर आज तक यहाँ सैकड़ो लोगो की मौते भी हो चुकी है।इलाज अच्छा हो यह तो इस अस्पताल में तय नही है पर बिल तगड़ा लगेगा यह निर्धारित है।

कोरोना काल मे इस अस्पताल को तो खजाना ही मिल गया।कोरोना आते ही अस्पताल में बेड बढ़ाने का काम आनन फानन में किया गया।पहली लहर में इस अस्पताल की बड़ी तैयारी शुरू हो गयी।इस महामारी में इनकी योजना पूरी तरह से सफल रही।कोरोना मरीजो की भीड़ इनके अस्पताल में टूट पड़ी।लोगो के अंदर कोरोना को लेकर इतना ज्यादा भय आ गया था कि हर कोई अस्पताल में एडमिट होने के लिए अस्पताल वालो से मिन्नते करने लगा।इस समय का भरपूर फायदा बिलासपुर के महादेव अस्पताल प्रबंधन ने खूब उठाया।

अस्पताल में जितने भी मरीज कोरोना काल मे इस अस्पताल में आये,उनकी तगड़ी बिलिंग की गई।लोगो से लाखों रुपये वसूलने का काम बेखोफ होकर किया गया।सूत्रों के अनुसार इस अस्पताल में मरीजो की आर्थिक स्थिति देखकर भी बड़ा बिल बनाकर वसूला गया है।7 से 10 दिन के इलाज के लिए 8 लाख से 15 लाख रुपये तक लोगों से लिया गया है।

सरकार के बनाये नियमो का महादेव अस्पताल ने मख़ौल उड़ाया है।भगवान के नाम से अस्पताल चलाने वालों ने कोरोना की विपदा में लोगो को लूटने की कोई कसर नही छोड़ी।इलाज के लिए लोगो से मनमाना पैसा लिया गया।और एक बात कोरोना काल मे इस अस्पताल में इलाज कराने वाले सभी कोई जीवित भी नही है।बड़ी संख्या में लोगो की मौते हुई है।कुछ लोगो की मौते अस्पताल में हुई बल्कि कुछ लोगो की मौते असपताल से घर पहुचने के बाद हुई है।

प्रदेश की भूपेश सरकार को इस बड़े कारनामे को अंजाम देने वाले महादेव अस्पताल की जांच उच्च स्तरीय टीम से करानी चाहिए।इस अस्पताल में जितने भी कोरोना मरीजो का इलाज हुआ है उन सभी के बिलो की जांच करवाई जाए।इस जांच से अस्पताल की पूरी कहानी सामने आ जायेगी।

इस मामले पर अस्पताल के सर्वेसर्वा (डायरेक्टर) डॉ आशुतोष तिवारी से हमने जब बात की तो उनका कहना था कि मैं रायपुर आकर आपसे मिलता हु।कई बार कॉल व मैसेज करने के बाद भी कोई जवाब नही दिया गया।इसके अलावा कुछ कुछ लोगो से हमको न्यूज न लगाने के लिए बोलवाते रहे।इस मामले पर अब प्रदेश के मुख्यमंत्री को महादेव अस्पताल की जांच करवानी चाहिए।