न्यायधानी में बड़े पैमाने पर भूमाफियाओं का खेल बदस्तूर जारी है।भूमाफियाओं की अपनी अलग ही कहानी यहाँ चल रही है।भूमाफिया अपनी पूरी टीम बनाकर सुनियोजित तरीके से जमीनों का बड़ा खेल लंबे समय से खेलते आ रहे है।इस खेल में इनके सहयोगी के रूप में सरकारी सिस्टम में बैठे बहुत से अफसर भी है।ऊपर तक तगड़ी सेटिंग जमाकर यह लोग सस्ती जमीनों से करोड़ो का मुनाफा कमाने का काम करते है। वर्तमान परिदृश्य में महंगाई हर दिन बढ़ ही रही है।बढ़ती महंगाई को देखकर लोगो को ऐसा लगता है कि अभी अगर जमीन का एक टुकड़ा नही खरीद पाए तो आगे जमीनों की कीमत इतनी ज्यादा बढ़ जायेगी की हम आगे जमीन भी नही खरीद पाएंगे।इसी चक्कर मे लोग जमीनों की पूरी जानकारी लिए बिना ही इन भूमाफियाओं के चक्कर मे फंस जाते है।ये भूमाफिया जमीनो को किसानों से कौड़ियों के दाम खरीदकर अवैध प्लाटिंग के माध्यम से करोड़ों रुपयो का मुनाफा कमा रहे है।
सकरी क्षेत्र में बहुत बड़े पैमानों पर जमीनों की प्लॉटिंग का काम किया जा रहा है।कुछ समय पूर्व प्रदेश के राजस्व मंत्री का बिलासपुर आगमन हुआ था,जहा मीडिया के माध्यम से इन भूमाफियाओं की करतूते संज्ञान में लाई गई थी।जिस पर प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने विभाग को इस मामले पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही थी।पर आज दिनांक तक सकरी विभाग के तहसीलदार के द्वारा केवल खानापूर्ति का काम किया गया है।
प्रदेश की भूपेश सरकार स्वच्छ कार्यप्रणाली की बात तो जरूर करती है,पर धरातल में वास्तविकता कुछ और ही है।जब प्रदेश के राजस्व मंत्री के आदेश पर राजस्व विभाग इन भूमाफियाओं के खिलाफ कुछ भी कार्यवाही नही कर रहा है तो प्रदेश के बाकी मंत्रियों की भी कार्यप्रणाली कैसी होगी,इसका अंदाजा तो बहुत आसानी से निकाला जा सकता है।कुछ लोगो का कहना है कि राजस्व विभाग में इन भूमाफियाओं के ही लोग बैठे हुए है।जो इनके लिए ही कार्य करते है।और जो इनकी सोच के बाहर का है तो उसकी अच्छी व्यवस्था इन भूमाफियाओं के द्वारा कर दी जाती है।प्रदेश की सरकार ईमानदार सरकार की बाते तो बड़े जोर शोर से करती है,पर सकरी तहसील में यह सब शून्य ही नजर आता है।
कलेक्टर के आदेश पर सकरी के प्रभारी तहसीलदार ने जांच करके अवैध प्लॉटिंग करने वालो की सूची तो बना ली है पर इन अवैध प्लॉटिंग वालो के ऊपर अभी तक कोई भी कार्यवाही नही की है।सकरी तहसील का राजस्व विभाग चिरनिद्रा में है।पता नही यहाँ पदस्थ अफसर कब जागेंगे।
सकरी तहसीलदार के द्वारा बनाई गई सूची जिसमे करीब पैतीस लोगो का नाम है।जिनके द्वारा अवैध प्लॉटिंग का कार्य किया जा रहा है।
प्रशासन को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए।राजस्व विभाग की लाचारी का फायदा इन भूमाफियाओं को हो रहा है।इस मामले पर जिन पैतीस लोगो की सूची बनी है वो सूची छत्तीसगढ़ उजाला को प्राप्त भी हुई है।सूत्रों के अनुसार इन अवैध प्लॉटिंग करने वालो की सूची को बनाने के बाद तहसील स्तर पर ही कोई कहानी हो गई होगी।इसलिए इस मामले पर अब तक बड़ी कार्यवाही राजस्व विभाग के द्वारा नही की गई।इस प्रकरण में राजस्व विभाग के बड़े अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना थी कि सकरी क्षेत्र अब नगर निगम के अंतर्गत आ चुका है।राजस्व विभाग अवैध प्लॉटिंग करने वालो की पूरी सूची निगम को कार्यवाही के लिए भेजेगा।इस मामले में बिलासपुर नगर निगम को भी कार्यवाही करना था पर आज तक निगम के अफसर आंख मूंदकर बैठे हुए है।इन भूमाफियाओं के खेल में शासकीय जमीनों को भी नही छोड़ा जा रहा है।मामले की सही तरीके से अगर जांच की जाए तो जमीनों का बड़ा खेल उजागर होगा।
इस मामले में जब प्रभारी तहसीलदार टोंडरे से बात की गई तो उनका कहना था कि मै अभी कार्यालय में नही हु,मामले की जानकारी कार्यालय पहुचकर ही दे पाऊंगा।अवैध प्लॉटिंग की शिकायत आई थी साथ ही राजस्व मंत्री ने भी हमको इस पर कार्यवाही करने को कहा था जिस पर हमने अवैध प्लॉटिंग करने वालो में अभी तक करीब 35 लोगो की लिस्ट बनाई है।जिस पर कार्यवाही के लिए अपने ऊपर के अधिकारियों को भेज दिया है।अब ऊपर के अफसर ही इस मामले पर फैसला करेंगे।
सकरी क्षेत्र में प्लॉटिंग करने वाले बिल्डर,डेवलपर व जमीन विक्रेता से हमने बात की तो उनका जवाब बड़ा लाजवाब था।इस प्रकरण में जिन लोगो का नाम आया है उनसे जब हमने अवैध प्लॉटिंग करने वालो की सूची में आप लोगो का भी नाम आया है इस पर उनका कहना था कि अब तक हमको ऐसी कोई जानकारी नही है।हम सारे नियमो के साथ प्लॉटिंग का कार्य किये है।किस सूची में हमारा नाम है इसकी हमको कोई भी जानकारी नही है।
इस मामले पर जिला प्रशासन को तत्काल जांच करवाकर भूमाफियाओं के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।इस क्षेत्र में शासकीय जमीनों की बड़ी अफरातफरी की जा रही है।सकरी तहसील में बैठे अफसर अगर सही तरीके से इन भूमाफियाओं की नकेल कसे होते तो आज यह बड़ा खेल नही हुआ होता।