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“जहां चाह है वहीं राह है” आप सिर्फ ठान लें तो आप बहुत कुछ अपने समाज के लिए कर सकते हैं : सीमा वर्मा

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“एक रूपया मुहिम” की संचालिका सीमा वर्मा लगातार बच्चो के बीच जा कर कोई ना कोई प्रतियोगिता आयोजित करती ही रहती है।
ताकि बच्चो का मानसिक बौद्धिक विकास होता रहे। बच्चो के अंदर से डर की भावना को दूर करना जरूरी है, इस लिए सीमा ने डांस प्रतियोगिता आयोजित की ताकि बच्चे खुल कर मस्ती कर सके। अपनी कला को प्रतियोगिता के माध्यम से दिखा और निखार सके।
इस प्रतियोगिता की विनर नईमा खान रही जिन्हें इनाम के रूप में इंगलिश राइटिंग बुक दिया गया। बाकी सभी बच्चो को पेन पेंसिल स्टेशनरी का समान दिया गया
सीमा का मकसद बच्चो को सक्रिय बनाना है। बच्चे ही सुनहरे भारत का भविष्य है। इनको सही दिशा निर्देश की जरूरत है।
एक रूपया मुहिम के द्वारा लगातार निस्वार्थ सेवा भाव से जरूरतमंद बच्चो के लिए कार्य किया जा रहा है। सीमा ने समाज सुधारक के रूप में समाज को बेहतरीन मेसेज दिया है “जहां चाह है वहीं राह है” आप सिर्फ ठान लें तो आप बहुत कुछ अपने समाज के लिए कर सकते हैं।
जरुरी नहीं आप किसी जिम्मेदार पोस्ट पर हो या किसी संस्था के संस्थापक हो तभी आप कुछ कर पाएंगे, आप एक समान्य नागरिक होते हुए भी अपनी लगन से अपने देश हित मे कार्य कर सकते हैं।जरुरी नहीं कुछ बड़ा किया जाए, जरुरी है कि कुछ प्रभावी कार्य किया जाए।

सीमा वर्मा बिलासपुर शहर के कौशलेंद्र राव कॉलेज की एलएलबी अंतिम वर्ष की छात्रा है। सीमा पिछले 5 साल में 13 हजार से अधिक स्कूली बच्चों के लिए स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध करवा चुकी है। 33 स्कूली बच्चों का साल भर का खर्च भी उठा रही हैं। 50 से अधिक बच्चों को निशुल्क शिक्षा, सीमा मूलतः छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की निवासी हैं। अपनी पढ़ाई के साथ साथ वह एक रुपए की मुहिम भी चलाती हैं। इसी मुहिम से सीमा गरीब बच्चों की मदद भी करती हैं जोकि अत्यंत प्रेरणादायक और सराहनीय है।